पटना: बिहार के खगड़िया जिले से एक बड़ी खबर चलकर सामने आई है। जहां निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की मुख्यालय टीम के द्वारा डॉक्टर सुभाष चंद्र बैठा, जो गोगरी, जिला खगड़िया के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी हैं। उन्हें 1,50,000/- रु० लेते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं राजेंद्र प्रसाद सिन्हा, प्रधान लिपिक, सिविल सर्जन कार्यालय, को 30,000/- रु० की रिश्वत लेते खगड़िया बाजार, बलवा चौक स्थित इनके सरकारी आवास से रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है।
परिवादी संजीत कुमार द्वारा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराया गया था कि उनकी पत्नी श्रीमती रूबी कुमारी जो परिचारिका के पद पर अनुमंडलीय अस्पताल, गोगरी, जिला खगड़िया मैं कार्यरत हैं। उनसे आरोपी (प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी) डॉक्टर सुभाष चंद्र बैठा सुमन, एवं (प्रधान लिपिक) राजेंद्र प्रसाद द्वारा बकाया वेतन भुगतान एवं आगे का वेतन निकासी करने के लिए आरोपी डॉक्टर सुभाष चंद्र बैठा सुमन द्वारा 1,50,000/- रु०एवं आरोपी राजेंद्र प्रसाद सिन्हा द्वारा 50,000/- रु० रिश्वत की मांग की जा रही है।
वही ब्यूरो द्वारा सत्यापन कराया गया एवं सत्यापन के क्रम में आरोपी डॉक्टर सुभाष चंद्र बैठा द्वारा 1,50,000/- रु० एवं आरोपी राजेंद्र प्रसाद सिन्हा द्वारा 30,000/- रु० रिश्वत मांगे जाने का प्रमाण पाया गया। आरोप सही पाए जाने के पश्चात उपरोक्त कांड अंकित कर अनुसंधानकर्ता श्री विमलेन्दु कुमार वर्मा, पुलिस उपाधीक्षक के अनुरोध पर दो धावादल का गठन किया गया। जिसमें धावादल-१ इनके नेतृत्व में एवं धावादल-२ श्री सर्वेश कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में गठन किया गया। इन दोनों टीम द्वारा अलग-अलग कार्रवाई करते हुए अभियुक्त डॉक्टर सुभाष चंद्र बैठा सुमन को 1,50,000/- रु० रिश्वत लेते प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र, गोगरी के चिकित्सालय स्थित विश्राम कक्ष से एवं राजेंद्र प्रसाद सिन्हा को 30,000/- रु० रिश्वत लेते खगड़िया बाजार, भदवा चौक स्थित उनके सरकारी आवास से रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
वही अभियुक्तों से पूछताछ के उपरांत न्यायालय, निगरानी, भागलपुर में स्थापित किया जाएगा।
रिपोर्ट: धीरज कुमार झा