13 अप्रैल को धरती मां की पूजा करें। धरती माता ही हमारा संपोषण करती है, हमें सब कुछ देती है। किसान आज परेशान हैं, क्योंकि वो जैविक खेती भूल गए हैं। उत्पादन बढ़ाने की होड़ में हमारे अन्नदाता ये भी भूल गए हैं कि धरती को भी तो बचाना है।
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय भूमि संपोषण अभियान के प्रदेश कमिटी सदस्य शैलेश तिवारी ने बिहार के सभी किसानों से इस रचनात्मक आंदोलन से जुड़ने की अपील की है।
शैलेश तिवारी कहते हैं कि देश के 30 व्यापक जनाधार वाले संगठनों ने यह अभियान चलाने का निर्णय लिया हैं।
यह अभियान भूमि के उद्भव दिवस (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) दिनांक 13 अप्रैल 2021 से 24 जुलाई 2021 (गुरु पूर्णिमा) तक चलेगा ।
सभी 30 संगठन इस कालावधि में अपने तरीक़े, अपनी योजना, अपने संसाधनों और कार्यकर्ताओं के बल के आधार पर अपनी सुविधानुसार 21 दिन यह अभियान चलाएँगे ।
स्वदेशी जागरण मंच ने यह अभियान जून माह में चलाने का निर्णय किया है।
13 अप्रैल को सभी 30 संगठन अधिकाधिक स्थानों पर भूमि पूजन दिवस का आयोजन करके इस अभियान का उद्घाटन करेंगे।
रासायनिक खेती के कारण बीमार होती मिट्टी, घटती उर्वरता, बंजर होती भूमि और इसके फलस्वरूप किसान की बढ़ती लागत, जल प्रदूषण एवं समाप्ति, जन स्वास्थ्य हानि, आदि के बारे में जन जागरण।
किसानों को जैविक खेती की तरफ़ प्रेरित करना, पशुधन को कृषि में पुनः स्थापित करना, किसान की कृषि लागत घटाना, उनमें यह विश्वास पुनः स्थापित करना कि जैविक खेती से उत्पादकता घटती नहीं है अपितु निरंतर बनी रहती है ।
गाँवों में कृषि से जुड़े प्रसंस्करण व अन्य छोटे उद्योगों का नेटवर्क खड़ा करना, किसानों को बाज़ार की भावी चुनौतियों और अवसरों से अवगत करवाना, उन्हें सरकारी योजनाओं आदि से जुड़कर साझा खेती व अन्य योजनाओं के बारे में जागरुक करना इस अभियान का मूल मकसद है।शैलेश तिवारी ने महिलाओं का भी आह्वान किया है और उनसे कहा है कि धरती हमारी माता है धरती पूजन को उन्होंने नारी सम्मान से भी जोड़ा है और नारी सम्मान के प्रतीक के रूप में महिलाओं से 13 अप्रैल को भूमि पूजन करने की अपील की है
उन्होंने कहा सभी किसान बंधुओं से मेरा आग्रह है कि 13 अप्रैल को भूमि पूजन कर भूमि संप्रेषण अभियान से जुड़े और इस रचनात्मक कार्य में हम सब का सहयोग करें।