भेलवा दियारा में मुठभेड़ के बाद अपराधी गिरफ्तार

मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत भेलवा दियारा में मुठभेड़ के बाद शातिर अपराधी मदन चौधरी को गिरफ्तार किया गया. मदन चौधरी को गिरफ्तार करने गई पुलिस पर फायरिंग भी की गई. जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की. पांच घंटे तक चली पुलिस कार्रवाई के बाद अपराधी मदन चौधरी को गिरफ्तार किया गया.

मुंगेर पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह के निर्देश पर की गई कार्रवाई के दौरान मुफस्सिल थाना क्षेत्र के भेलवा दियारा में शातिर अपराधी मदन चौधरी को गिरफ्तार किया गया. मदन चौधरी को गिरफ्तार करने गई पुलिस पर अपराधियों द्वारा गोलियां भी चलाई गई. पुलिस और अपराधियों की ओर से तीन घंटे तक फायरिंग होती रही. काफी मशक्कत के बाद अपराधी को गिरफ्तार किया गया.

पुलिस टीम को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा

मुंगेर पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि दियारा इलाका में अपराधी मदन चौधरी की सक्रियता बढ़ी हुई है और दियारा के किसानों के उत्पीड़न की शिकायतें भी मिल रही थी. पुलिस अधीक्षक ने मुफस्सिल थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार सिंह, कासिम बाजार थानाध्यक्ष शैलेश कुमार, नया रामनगर थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार, वासुदेवपुर ओपी अध्यक्ष सुशील कुमार तथा जिला आसूचना इकाई की टीम बनाकर कार्रवाई के लिए भेजा.

पुलिस टीम गंगा नदी पार कर दियारा पहुंची. लगभग 5 किलोमीटर पैदल चलने के बाद गांव की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया गया. हर घर की तलाशी ली गई. करीब पांच घंटे तक पुलिस की कार्रवाई चलती रही. इस बीच अपराधी द्वारा पुलिस पर फायरिंग भी की गई. पुलिस द्वारा आत्मसमर्पण की बार-बार चेतावनी देने के बाद भी अपराधी द्वारा फायरिंग की जा रही थी. झोपड़ियों और जंगली पौधों के बीच छिपकर अपराधी द्वारा पुलिस पर गोलियां चलाई जा रही थी.

काफी मशक्कत के बाद अपराधी को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार अपराधी मदन चौधरी ने महिला का वेश धारण कर भागने की कोशिश की थी लेकिन पुलिस ने उसे दबोच लिया. रुक-रुक कर फायरिंग के बीच ही मदन चौधरी ने साड़ी पहन कर भागने की कोशिश की थी.

इसी दौरान पुलिस को साड़ी पहने हुए एक व्यक्ति के संदिग्ध हालत में भागते हुए दिखा. पुलिस ने जब उसका पीछा किया तो पुलिस पर फायरिंग भी की गई. हालांकि किसी को गोली नहीं लगी. काफी मशक्कत के बाद उसे हिरासत में लिया गया. मुठभेड़ में पुलिस के द्वारा 7 राउंड गोलियां चलाई गई जबकि अपराधियों द्वारा लगभग 15 राउंड फायरिंग की गई. मुफस्सिल थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार द्वारा तीन, कासिम बाजार थानाध्यक्ष शैलेश कुमार द्वारा दो और सिपाही विजेंद्र कुमार द्वारा 2 राउंड फायरिंग की गई. पुलिस कार्रवाई के दौरान अपराधी के पास से दो देशी कट्टा, .315 बोर की 15 जिंदा गोलियां, 10 खोखा, 2 बिन्डोलिया, 7000 रूपए नगद और 2 साड़ियां बरामद की गई.

मदन चौधरी की गिरफ्तारी से किसानों में खुशी

अपराधी मदन चौधरी की गिरफ्तारी से किसानों में काफी खुशी देखी गई. दरअसल दियारा के किसानों की जबरन फसल काट लेना, सब्जियां तुड़वा लेना और मवेशियों को खोल लेना मदन चौधरी की आदत थी. कई किसान इससे परेशान थे. इन्हीं परेशानियों को देखते हुए किसानों ने पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह से न्याय की गुहार लगाई थी. मदन चौधरी की हर गतिविधि पर पुलिस की नजर थी.

पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर की गई कार्रवाई के बाद जब मदन चौधरी की गिरफ्तारी हुई तो किसानों में काफी खुशी देखी गई. कुछ किसानों ने सार्वजनिक रूप से सामने आकर पुलिस टीम को धन्यवाद दिया. वहीं, मदन चौधरी के खिलाफ किसानों ने जमकर भड़ास भी निकाली.

मदन चौधरी का अपराधिक इतिहास:-
1. मुफसिल थाना कांड सं0-08/15, दिनांक-07.01.2015, धारा-302/34 भा0द0वि0। आरोप पत्र सं0-08/15, दिनांक-30.06.2015
2. मुफसिल थाना कांड सं0-92/17, दिनांक-23.04.2017, धारा-147/148/149/342/323/ 325/307/379/385/504/506 भा0द0वि0।
3. मुफसिल थाना कांड सं0-144/12, दिनांक-17.07.2012, धारा-341/323/504/379/34 भा0द0वि0।
4. मुफसिल थाना कांड सं0-47/18, दिनांक-08.02.2018, धारा-147/148/149/504/379/ 506 भा0द0वि0।
5. मुफसिल थाना कांड सं0-182/18, दिनांक-114.06.2018, धारा-25(1-ए)/25(1-एए)/ 25(1-ए.सी.)/25(1-बी)ए/26()()/35 आर्म्स एक्ट
6. मुफसिल थाना कांड सं0-38/19, दिनांक-12.12.2019, धारा-341/307/447/508/506 /34 भा भा0द0वि0 एवं 27 आर्म्स एक्ट
7. मुफसिल थाना कांड सं0-145/20, दिनांक-15.06.2020, धारा-341/323/385/504/ 506/34 भा0द0वि0।
8. मुफसिल थाना कांड सं0-157/20, दिनांक-24.06.2020, धारा-341/323/307/385/ 504/34 भा0द0वि0।

मदन चौधरी को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा. कड़ी धूप में 5 किलोमीटर पैदल चलने के बाद पूरे गांव की घेराबंदी की गई. सबसे बड़ी परेशानी हर घर की तलाशी लेनी थी. दियारा के एक समूह के लोगों में उसकी अच्छी खासी पैठ है.

उसके समर्थकों द्वारा उसे छुपाया जा रहा था और उसे खोजना काफी मुश्किल हो रहा था. वहीं, उसका आतंक इतना था कि गांव के दूसरे लोग भी कुछ बोलने बताने को तैयार नहीं हो रहे थे. पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती हर घर की तलाशी लेनी थी. करीब 100 झोपड़ियों की तलाशी ली गई और गांव में जंगली पौधों के घने जंगल थे. नालों पर उग आए जंगलों के बीच भी तलाशी ली गई.

इन्हीं जंगलों में वह पहली बार देखा गया था और उसके बाद उसे खोजने की कार्रवाई शुरू हुई थी. अपराधी द्वारा रुक रुक कर गोलियां भी चलाई जा रही थी. पुलिस के लिए सबसे बड़ी परेशानी वहां के लोगों को सुरक्षित रखना था. गांव के लोगों को एक तरफ सुरक्षित कर पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया था. लगभग 100 झोपड़ियों की तलाशी ली गई तब जाकर मदन चौधरी की गिरफ्तारी हुई थी. भीषण गर्मी के कारण पुलिस टीम का बुरा हाल था. इसके बावजूद पुलिस ने अपराधी की गिरफ्तारी सुनिश्चित की.

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