आजादी के बाद सुदूर गावों तक पहुंचा हाई स्पीड एफटीटीएच कनेक्शन, सरकार के भारत नेट योजना से ग्राम स्वराज का सपना हो रहा है साकार

ब्यूरो रिपोर्ट / बिहार पत्रिका

पुरे देश में शहरों के युवाओं ने इन्टरनेट के क्रेज को देखा है। देश के कई गावों के युवा आज भी इन्टरनेट से बहुत दूर थें या हैं। आज भी  यहां आजादी के बाद से इंटरनेट कनेक्टिविटी का भी अनुभव नहीं हुआ है। इधर कुछ दिनों से कॉमन सर्विस सेंटर के ग्रामीण स्तर के वीएलई जो अब भारत नेट का उपयोग करने वाले नागरिकों को होम कनेक्शन के लिए उच्च गति इन्टरनेट प्रदान कर रहे हैं। पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर की मेंटेनेंस का दायित्व आईटी मंत्रालय के तहत कार्य करने वाली एजेंसी सीएससी के जिम्मे है। यह एफटीटीएच यानी फाइबर टू द होम कनेक्शन वास्तव में ग्रामीणों खासकर युवाओं को बदल रहा है। स्थानीय ग्रामीण कहते हैं कि उनके लिए यह एक सपने के सच होने जैसा है।

सीएससी बिहार के राज्य प्रमुख संतोष तिवारी बताते हैं कि भारत नेट परियोजना की एफटीटीएच कनेक्शन से घरों में लगे स्मार्ट टीवी व लैपटॉप के अलावे मोबाइल चलने लगे हैं। दरअसल पुराने बेसिक फोन (लैंड लाइन ) के नए अवतार से घरों के अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण तेज गति के इंटरनेट से जुड़ कर काम कर रहे हैं। इससे घरों में मोबाइल, टीवी, लैपटॉप, डेस्कटॉप तो चल ही रहे हैं वहीं गांव- गिरांव के खेती किसानी करने वाले किसान -मजदूर भी स्मार्ट हो रहे हैं। घर बैठे ही मंडी रेट की जानकारी, देश दुनिया की नई-नई घटनाओं, खोज, शोध व नई तकनीक की जानकारी रख रहे हैं।

एंड्राइड मोबाइल के विकल्प रूप मे आ रहा है एफटीटीएच कनेक्शन

स्थानीय वीएलई का कहना है कि तकनीक का तेजी से विकास हुआ। बीते दशकों में मोबाइल कारोबार व उपयोग चरम पर रहा है। हाल यह है कि ज्यादातर परिवारों में हरेक हाथ के पास अब एंड्राइड मोबाइल है। संभावना जताई जा रही है कि मोबाइल की जगह अब एफटीटीएच कनेक्शन ले सकेंगे। क्योंकि एफटीटीएच कनेक्शन से कई मोबाइल को हाई नेटवर्क कनेक्टिविटी उपलब्ध हो सकेगी। इससे घरों में स्मार्ट टीवी, लैपटॉप, डेस्कटॉप को भी असीमित डेटा मिल सकेगा।

एफटीटीएच कनेक्शन से रेडिएशन का खतरा नहीं

विभाग के आधिकारिक जानकारी के मुताबिक मोबाइल फोन व इसके लिए स्थापित किए गए विभिन्न मोबाइल कंपनियों के टावर से रेडिएशन का खतरा अधिक होता है। जबकि एफटीटीएच कनेक्शन से रेडिएशन का खतरा नही रहता। सम्बंधित अधिकारियों के अनुसार एफटीटीएच कनेक्शन के जरिए वॉइस कॉलिंग फ्री होगा। मोबाइल फोन के तुलना में कई गुना अधिक हाई स्पीड डाटा कनेक्टिविटी मिलेगी।

10 गुना से भी अधिक बढ़ जाएगी इंटरनेट स्पीड

सीएससी वाईफाई चौपाल के अधिकारी बताते हैं कि मोबाइल में मिल रही इंटरनेट की स्पीड से एफटीटीएच कनेक्शन की डाटा स्पीड 10 गुना से भी अधिक होगी। जानकारों का कहना है कि कि मोबाइल उपभोक्ताओं को फिलहाल केबीपीएस (किलोबाइट पर सेकंड) की डाटा स्पीड मिलती है। जबकि एफटीटीएच से एमबीपीएस (मेगाबाइट पर सेकंड) या जी बीपीएस गीगाबाइट पर सेकंड) तक की स्पीड मिल सकेगी। यह एफटीटीएच कनेक्शन डिजिटल इंडिया के तहत क्रांतिकारी कदम होगा।

ग्राम पंचायतों के सरकारी भवनों के अलावे निजी घरों में भी दिए जाएंगे एफटीटीएच कनेक्शन

जुलाई 2019 में सीएससी ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड जो इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मंत्रालय का उपक्रम है को दूरसंचार विभाग द्वारा भारत सरकार के चरण 1 में स्थापित भारत में ऑप्टिकल फाइबर केबल और फर्स्ट लाइन मेंटेनेंस के संचालन और रखरखाव के साथ अंतिम मिल इंटरनेट कनेक्टिविटी को सक्षम करने का काम सौंपा गया। सीएससी बिहार को भी भारतनेट ओएफसी मेंटेनेंस का काम 1 जुलाई 2019 से मिला, जब लगभग 250 जीपीएस मात्र कार्यशील थे और ग्रामीण क्षेत्रों में राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना के रखरखाव के लिए कोई समर्पित ओएफसी टीम बहाल नहीं थी।

सीएससी बिहार के राज्य प्रमुख संतोष तिवारी बताते हैं कि हमारे वाई फाई चौपाल की टीम ने हजारों की संख्या में समर्पित फाइबर रजिस्ट्रेशन टीमों को अपने साथ जोड़ कर कार्य आरम्भ किया। इसमें स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया गया और उन्हें भारतनेट रख रखाव के लिए प्रशिक्षित किया है।

सैकड़ो से भी अधिक एफटीटीएच उपयोगकर्ता, जिनमें से कई सरकारी संस्थान और स्कूल

ऐसे हीं एक सीएससी सेंटर संचालक हैं ऋतुराज, जो पटना ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न ग्राम पंचायत में भारतनेट की सेवा स्थापित करने के लिए लगे हुए हैं। उन्होंने साल 2019 में इस गतिविधि को संभाला था। उस वक़्त काफी कम संख्या में जीपी नागरिकों के लिए अंतिम मिल इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ कार्यात्मक हुए थें। बाद में ऋतुराज और उनकी टीम ने ने सभी जीपी इंटरनेट सेवाओं से बहाल कर दिया। जिसमें सैकड़ो से भी अधिक एफटीटीएच उपयोगकर्ता हैं। जिनमें से कई सरकारी संस्थान और स्कूल है।

अब तक बड़ी संख्या में कार्यात्मक जीपी के साथ सीएससी एसपीवी ने सीएससी वाई फाई चौपाल कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम मिल इंटरनेट कनेक्टिविटी ड्राइव को तेज किया है। सीएससी वाईफाई चौपाल की पहल सस्ती और प्रभावी बुनियादी सुविधाओं को तैनात करके अधिकतर ग्राम पंचायत में इंटरनेट एक्सेस सेवा को सक्षम करने से संबंधित है, जिससे ग्रामीण स्तर के उद्यमियों के माध्यम से सस्ती कीमत और इंटरनेट के विश्वसनीय पहुंच के साथ सेवाएं प्रदान की जाती है।

एक विश्वसनीय ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा

वाई फाई चौपाल के बिहार के प्रभारी विशाल रंजन बताते हैं कि मार्च 2020 के दौरान हजारों ग्राहकों ने इन पंचायत में भारत नेट से एफटीटीएस कनेक्शन के लिए पंजीकरण किया है। जिन्हें सीएससी एसपीवी द्वारा प्रबंधित और संचालित किया जाता है, जो एक विश्वसनीय ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा प्राप्त करने के लिए ग्रामीण घरेलू इच्छा को दर्शाता है। कोविड-19 ने ग्रामीण आबादी द्वारा डेटा की खपत का अधिक उपयोग किया है।

सीएससी के भारत नेट के रखरखाव की कमान संभालने के बाद गांव में इंटरनेट की खपत तेजी से बढ़ी है। जहां एक ओर प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियों ने अपना नेटवर्क सिर्फ शहरों में बढ़ाया है वहीं सरकार ने सीएससी के साथ मिलकर करोड़ों ग्रामीण उपभोक्ताओं को सस्ता और भरोसेमंद इंटरनेट प्रदान करके अपने दायित्व को बखूबी निभाया है।

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