बॉलीवुड की काली दुनिया का सच सामने लाने के लिए निर्देशक सनोज मिश्रा ने की घोषणा फ़िल्म ‘सुशांत’ की

बिहारी बॉय के नाम से मशहूर बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद जहां पूरा देश उद्वेलित है, वहीं अब निर्माता मारूत सिंह गांधीगिरी, राम की जन्मभूमि, लफंगे नवाब और श्रीनगर जैसी संवेदनशील फिल्में बना चुके निर्देशक सनोज मिश्र के साथ बॉलीवुड की चमकती दुनिया का सच बताने के लिए एक फ़िल्म का निर्माण कर रहे हैं, जिसका नाम ‘सुशांत’ होगा। हालांकि यह फ़िल्म सुशांत सिंह राजपूत की बायोपिक नहीं होगी।

यह फ़िल्म उन तमाम लोगों की कहानी होगी जिसे बॉलीवुड में उत्पीड़न का शिकार होकर अनावश्यक कदम उठाने को मजबूर होना पड़ता है।रोड़ प्रोडक्‍शन और सनोज मिश्रा फिल्‍म्‍स के बैनर तले इस फिल्‍म का निर्माण होगा। फिल्‍म की शूटिंग मुंबई और बिहार में होगी।

इस फ़िल्म घोषण आज सनोज मिश्र ने पटना में एक संवाददाता सम्‍मेलन के दौरान की। इससे पहले वे सोमवार को खास तौर पर सुशांत के परिजनों से मिलने मुम्बई से पटना आये थे, जहां उनके आवास पर जाकर सनोज ने सुशांत के पिता का दर्द साझा किया और उन्हें सांत्वना दी थी।

फ़िल्म को लेकर सनोज मिश्र ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का यूं जाना पूरे देश के लिए दुख है। बॉलीवुड में भाई – भतीजा वाद और पर्दे के आगे की चमकती दुनिया के पीछे का काला अंधेरे में न जाने कितने सुशांत सिंह राजपूत रोज ही हत्‍या या आत्‍महत्‍या के शिकार होते हैं।

क्‍योंकि वे बड़े स्‍टार या सेलिब्रिटी नहीं होते, इसलिए लोग उनकी कहानियां नहीं जान पाते। उन्‍होंने कहा कि सुशांत सिंह बहुत तेजी से बॉलीवुड सितारों के अग्रिम पंक्ति में खड़े होने के पास थे। लेकिन अचानक से ही उनका स्‍वर्गीय हो जाना बहुत ही दुखद है।

इसके पीछे जो कारण है और बॉलीवुड का सदियों का जो पुराना सिस्‍टम है। जिसे माफिया बाहरी देशों से ऑपरेट करते हैं। ऐसे लोगों के संगठन और गिरोह को बेनकाब करने के लिए हम अपनी अगली फिल्‍म ‘सुशांत’ की घोषणा कर रहे हैं।

वहीं फिल्‍म के प्रोड्यूसर मारूत सिंह ने कहा कि इस फिल्‍म में वे सुशांत सिंह राजपूत के साथ बॉलीवुड के दिग्‍गजों की सच्‍चाई बेबाक ढ़ंग से को करेंगे। सनोज मिश्र खुद भी इस तरह की कई घटनाओं का शिकार रहे हैं, बस उन्‍होंने आत्‍म‍हत्‍या नहीं की। पिछले साल मार्च में रिलीज उनकी फिल्‍म ‘राम की जन्‍मभूमि’ इसका एक बहुत बड़ा उदाहरण है। इसको बड़ी मुश्किलों के साथ इसे पूरा किया, क्‍योंकि फिल्‍म की घोषणा के साथ ही एक खास वर्ग के लोग पी‍छे लग गए। फिल्‍म रिलीज तक दर्जनों मुकदमे उनपर हुए। मगर सुप्रीम कोर्ट ने रिलीज को हरी झंडी दी। इस पर बॉलीवुड का बड़ा तबका और सा‍माजिक संगठन राजी नहीं हुई। उनके घर पर पथराव व आगजनी हुई। इस वजह से सामाजिक संदेश देने वाली फिल्‍म अच्‍छे से रिलीज नहीं हो पायी। यह भी एक तरह का उत्‍पीड़न है एक आम आदमी के लिए, जो बॉलीवुड में जाकर जगह बनाना चाहे हैं।

उन्‍होंने कहा कि इसलिए हम यह फिल्‍म बनाना चाहते हैं, ताकि वे चेहरे बेनकाब हों। जो अपना वर्चस्‍व कायम रखने के लिए किसी भी हद तक जाते हैं। वे अपने एकाधिकार के लिए उत्‍पीड़न करते हैं। नये लोगों की दिक्‍कतों पर आधारित होगी। फिल्‍म के कलाकारों चयन तेजी हो रहा है। सनोज मिश्र ने कहा कि अभी उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग ही मुंबई से कोरोना महामारी में वापस लौट आये हैं। ऐसे में यह सुनहरा मौका होगा कि बिहार और उत्तर प्रदेश में सिनेमा इंडस्‍ट्री को डेवलप किया जा सके। संवाददाता सम्‍मेलन में सहयोगी राजीव रंजन, वरिष्‍ठ कलाकार संजू सोलंकी मौजूद रहे।
इस फ़िल्म के प्रचारक संजय भूषण पटियाला हैं।

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