केंद्रीय मंत्री और लोजपा के संस्थापक नेता रामविलास पासवान ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि चिराग पासवान लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, पार्टी से जुड़ा सभी निर्णय लेने के लिए अधिकृत हैं. चिराग ही लोजपा को चला रहे हैं, चिराग जो चाहें व निर्णय ले सकते हैं. चिराग जो भी निर्णय लेंगे मैं उनके साथ खड़ा रहूंगा.
चिराग के निर्णय का समर्थन
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि एनडीए में रहना है या महागठबंधन में जाना है, इस पर जो भी निर्णय चिराग लेंगे, उसका पूरी पार्टी और मैं समर्थन करूंगा. चिराग को पता है कि क्या पार्टी के हित में, है क्या पार्टी के हित में नहीं है. लोक जनशक्ति पार्टी पूरी मजबूती से चिराग के साथ खड़ी है.
NDA के साथ रहकर 43 सीट चाहते हैं चिराग
पार्टी के चुनाव समिति के बैठक के बाद रामविलास पासवान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं. लोक जनशक्ति पार्टी एनडीए में रहेगी या महागठबंधन में जाएगी. इसको लेकर फिलहाल सस्पेंस बरकरार है. सूत्रों के अनुसार लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद चिराग पासवान राजग गठबंधन में रह कर 43 सीटों पर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. वह चाहते हैं कि लोजपा के ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ विजन डॉक्यूमेंट को एनडीए के घोषणा पत्र में शामिल किया जाए. वह यह भी चाहते हैं कि राज्यपाल कोटा से 12 विधान पार्षदों का विधान परिषद में जो मनोनयन होना है उसमें से दो सीट लोजपा को मिले.
नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर हैं चिराग
गौरतलब है कि चिराग की मांगों को लेकर एनडीए में घमासान मचा हुआ है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या एनडीए में लोजपा की यह सब मांग मानी जायेगी ? हालांकि भाजपा पूरी कोशिश में लगी हुई है कि लोजपा एनडीए से दूर नहीं जाए. एक ओर जहां चिराग को मनाने की कोशिश बीजेपी लगातार कर रही है. वहीं, दूसरी ओर चिराग पासवान पिछले कुछ समय से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर हैं और बिहार सरकार को कई मुद्दों पर घेरते रहे हैं. जेडीयू को राजग गठबंधन में ज्यादा तरजीह मिल रहा है. चिराग इस बात को लेकर भी नाराज चल रहे हैं.
पप्पू यादव, मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा पर भी विचार
वहींदूसरी तरफ महागठबंधन से लोजपा को लगातार ऑफर मिल रहा है. इस बीच विश्वस्त सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार लोजपा के एनडीए से आउट होने की स्थिति में पप्पू यादव को एनडीए में लाने के विकल्पों पर भी विचार चल रही है. जीतन राम मांझी भी आने को तैयार बैठे हैं. उपेंद्र कुशवाहा की भी भाजपा नेताओं से इन दिनों नजदीकियां बढ़ी है.
चकाई जैसी सीटों को लेकर भी खींची हैं तलवारें
वैसे राजनीतिक जानकार बता रहे हैं कि चिराग पासवान इतनी बड़ी राजनीतिक भूल नहीं करेंगे महागठबंधन में उनके लिए सीटें भले बढ़ जाए पर सफलता की गारंटी एनडीए में ही ज्यादा है. लोजपा और जदयू के बीच चकाई जैसे सीटों को लेकर भी तलवारें खिंची हुई है जिस पर किसी भी कीमत पर लोजपा जदयू उम्मीदवार सुमित कुमार सिंह को देखना नहीं चाहती. जबकि नीतीश कुमार ने सुमित कुमार सिंह को पहले ही हरी झंडी दिखा दी है.
सूत्रों की मानें तो जदयू अपने हिस्से की एक ही सीट लोजपा को देने को तैयार नहीं भाजपा में भी 15 से 20 सीटों से ज्यादा का स्कोप बनता नहीं दिख रहा है.