युवा पीढ़ी के दम पर फिर चमकेगी बनारसी कारीगरी की किस्मत

नीता अंबानी ने वह कर दिखाया जो हम नहीं कर सके- बनारसी बुनकर
व्यापार बढ़ेगा तो युवा पीढ़ी इस पेशे से जुड़ेगी – रामजी, बनारसी बुनकर
‘स्वदेश’ जैसी प्रदर्शनी से हुनर को नया रूप मिलेगा– मोहम्मद हारून, बनारसी बुनकर

वाराणसी, 20 जून 2023: बनारस की बुनाई किसी पहचान की मोहताज नहीं है। काशी के कारीगरों की
अंगुलियों का जादू, यहां की साड़ियों और कपड़ों में देखते ही बनता है। मुंबई के नीता मुकेश अंबानी
कल्चरल सेंटर में लगी ‘स्वदेश’ प्रदर्शनी में इस महीन कलाकारी ने कद्रदानों का दिल जीत लिया। बनारसी
बुनाई के उस्ताद रामजी और मोहम्मद हारून ने हाथ की इस कला से दुनिया भर के ग्राहकों को रूबरू
कराया। साथ ही आशा जताई की युवा पीढ़ी इस कला को नए मुकाम तक ले जाएगी।

वाराणसी के पास 25 हजार की आबादी वाले सराय मोहना गांव के अधिकांश लोग बुनकरी का काम करते
हैं। रामजी भी इसी गांव से हैं। ‘स्वदेश’ प्रदर्शनी के अनुभव साझा करते हुए रामजी ने कहा “दुनिया को पता
ही नहीं है कि बनारसी साड़ी बनाने में कितना समय और मेहनत लगती है। यहां आकर ऐसा लगा मानो
हमारी कला अब तक पूरी तरह सामने नहीं आ पाई है। बनारसी बुनाई को दुनिया के ग्राहकों के सामने
लाकर नीता अंबानी ने वो कर दिखाया जो आजतक हम नहीं कर सके। अगर ऐसा ही समर्थन मिलता रहा
तो युवा पीढ़ी भी बड़ी संख्या में इस पेशे से जुड़ने को तैयार है।“

 

बुनकर मोहम्मद हारून भी ‘स्वदेश’ की लोकप्रियता और ग्राहकों की तादाद देख कर खुश थे। उन्होंने कहा
“स्वदेश में लोगों ने हमारे हुनर की जमकर तारीफ की। इस तरह की प्रदर्शनी से कलाकारों को नई पहचान
मिलती है। इससे हुनर नए रूपों में आगे बढ़ेगा और नए कारीगर भी मैदान में आएंगे”

रिलायंस फाउंडेशन की फाउंडर और चेयरपर्सन नीता अंबानी, भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने
के काम में वर्षों से जुड़ी हैं। फाउंडेशन का मानना है कि पीढ़ी दर पीढ़ी, कला की बारीकियों को आगे बढ़ाने
और कारीगर को उचित मेहनताना मिलने पर ही कला को संरक्षित रखा जा सकता है। पारंपरिक व्यवसाय
की कमान संभालने के लिए नई पीढ़ी को आगे आना होगा।

‘स्वदेश’ जैसी प्रदर्शनियां के माध्यम से कलाकार भारत की मूल्यवान संस्कृति और विरासत को संरक्षित कर
रहे हैं, वे ग्राहकों से सीधे जुड़ रहे हैं। प्रदर्शनी में श्रीमती अंबानी ने बनारसी के उस्ताद कारीगरों रामजी
और मोहम्मद हारून सहित ‘स्वदेश’ में आए कलाकारों से मुलाकात कर उनकी प्रतिभा को सराहा और
फाउंडेशन के पूरे समर्थन का भरोसा दिया।

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