मधुबनी जिला के सीमावर्ती जयनगर प्रखण्ड के दुल्लीपट्टी ग्राम निवासी अधिवक्ता डॉ. बीरेंद्र झा को मैथिली भाषा में उनकी रचना “उड़न छू” के लिए साहित्य अकादमी का बाल पुरस्कार 2022 प्रदान किया गया है। उनका सम्मान सम्पूर्ण बिहार का सम्मान है और वे पिछले चार दशकों से साहित्य साधना में लीन हैं। पेशे से वकील डॉ. बीरेंद्र झा पहले पत्रकार और सहायक प्राध्यापक भी रहे हैं। 1959 में जन्मे श्री झा 1980 के दशक से 2005 तक पत्रकारिता में सक्रिय रहे हैं और उसके उपरांत वे पूर्ण रूप से अधिवक्ता और साहित्यकार के रूप में सक्रिय हैं। उन्होंने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र के निर्देशन में अर्थशास्त्र में पीएचडी कर कुछ वर्षों तक अर्थशास्त्र के शिक्षक भी रहे हैं। उनके इस सम्मान से दुल्लीपट्टी जयनगर, मधुबनी, मिथिला समेत दक्षिणी नेपाल और सम्पूर्ण बिहार से उन्हें शुभकामनाएं मिल रही है। जब उनके चयन की घोषणा हुई थी तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत अन्य राजनेताओं, साहित्यकारों, पत्रकारों ने उन्हें बधाई दिया था।
63 वर्षीय डॉ. बीरेंद्र झा के पुत्र नीलेश भारद्वाज न्यायिक दंडाधिकारी हैं और उनकी पुत्री चिकित्सिका है। उनको इस सम्मान के लिए कुछ महीने पहले ही चयनित किया गया था जिसे आज बाल दिवस के अवसर पर भारत की राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के मण्डी हाउस के पास तानसेन मार्ग स्थित त्रिवेणी कला संगम के सभागार में साहित्य अकादमी के पदाधिकारियों के द्वारा अन्य भाषाओं में बाल पुरस्कार विजेताओं के साथ सम्मानित किया गया है। भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ, जयनगर अधिवक्ता संघ, रोटी बैंक जयनगर, विराट हिंदुस्तान संगम समेत मिथिला और मैथिली से जुड़े अन्य संगठनों और विभूतियों ने उन्हें बधाई दिया है।
सुभाष सिंह यादव की रिपोर्ट।