सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव को अर्णब गोस्वामी को धमकी वाला पत्र भेजने के लिए शुक्रवार को अवमानना नोटिस जारी किया। दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा की ओर से अर्णब गोस्वामी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी हुआ था। जिसके खिलाफ अर्णब गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद उन्हें सचिव की ओर से एक पत्र भेजा गया। रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्नब गोस्वामी से जुड़े केस में शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा।
विशेषाधिकार नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचने की वजह से 13 अक्टूबर को अर्नब गोस्वामी को लेटर लिखने और डराने को लेकर सर्वोच्च अदालत ने महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव को अवमानना को नोटिस जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने इस मामले में गोस्वामी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
शीर्ष न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “कोई इस तरह से कैसे डरा सकता है? इस तरह से धमकियां देकर किसी को अदालत में आने से कैसे रोका जा सकता है? हम इस तरह के आचरण की सराहना नहीं करते हैं.” सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह लेटर गंभीरतापूर्वक न्याय प्रशासन में दखल देने वाला है, क्योंकि इसमें कोर्ट जाने को लेकर गोस्वामी को धमकाया गया है। कोर्ट ने 2 हफ्ते में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा के सचिव को दो सप्ताह बाद इस केस की अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाजिर रहने को कहा है।
गोस्वामी के वकील हरीश साल्वे ने 13 अक्टूबर को लिखे गए लेटर को कोर्ट के सामने पेश किया। साल्वे ने 47 वर्षीय पत्रकार की पत्नी की ओर से शपथपत्र के साथ आवेदन दिया, क्योंकि खुद अर्नब एक अन्य मामले में जेल में हैं। गोस्वामी को बुधवार को 2018 के एक सुसाइड मामले में गिरप्तार कर लिया गया था।