ये हैं अर्चना सिन्हा, पटना जलजमाव त्रासदी की चास्म्दीद गवाह और भुक्तभोगी भी। राजेंद्र नगर में रहने वाली अर्चना सिन्हा का घर एक रात की बारिश ऐसा डूबा जैसे कि कोई नदी का बांध टूट गया हो। चार दिनों के बाद उनके सब्र का बाँध टूट गया और अपने परिजनों की मदद से घर से बाहर आ सकी। अपने 104 डिग्री बुखार से पीड़ित पुत्र को लेकर अपने नजदीकी परिवार वाले के यहाँ आ गयी अर्चना का दोष सिर्फ इतना ही है कि वह पटना के राजेंद्र नगर में रहती हैं और कोई वी आई पी नहीं है।
ऐसी कितनी हीं अर्चना राजेंद्र नगर में फंसी होंगी जिनके कोई करीबी रिश्तेदार पटना में नहीं होंगे। अर्चना केवल एक महिला नहीं हैं, वो सिस्टम जंग लगे सिस्टम पर सवाल एक सवाल है। सरकार को आखिर यह सोचना होगा कि इस त्रासदी का जिम्मेवार कौन है ? ऐसे दोषी अधिकारीयों पर जरुर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में आम जनता के साथ इस तरह का खिलवाड़ नहीं हो।