भारतीय मीडिया और लोकतंत्र और अधिक मुखर हुए हैं : अनुरंजन झा

पटना : इंडियन काउंसिल ऑफ स्कॉटलैंड ने भारतीय मीडिया और राजनीति के बदलते स्वरूप पर चर्चा करने के लिए ग्लासगो में एक रात्रिभोज का आयोजन किया। इस आयोजन में मुख्य अतिथि और वक्ता के तौर पर भारत के वरिष्ठ पत्रकार और लेखक अनुरंजन झा ने शिरकत की। भारत में वर्तमान दौर में मीडिया की भूमिका और राजनीति पर अपनी बात रखते हुए अनुरंजन झा ने कहा कि नई तकनीक और नए मीडिया के दौर में भारतीय मीडिया और लोकतंत्र दोनों मजबूत हुआ है। 140 करोड़ की आबादी और तमाम भाषाओं और विविधताओं से भरे देश में वर्तमान में मजबूत लीडरशिप है और उसका परिणाम हमें वैश्विक स्तर पर देखने को मिल रहा है।

एक सवाल के जवाब में अनुरंजन झा ने कहा कि ये आरोप लगाया जाना आसान है कि भारतीय मीडिया पर बंदिशें हैं, लेकिन अगर आप तक ये खबरें बराबर पहुंच रही हैं कि वहां बंदिशे हैं और उनके विरोध में स्वर मुखर होते रहते हैं तो फिर समझिए कि बंदिशें नहीं है बल्कि ये कुछ सत्ता विरोधी संगठनों की गतिविधियां हो सकती हैं जो इस तरह का माहौल बनाना चाहते हैं। अनुरंजन झा ने कहा कि भारतीय मीडिया पहले से मजबूत हुआ है और उसके पास तमाम ऐसे साधन मौजूद हैं जिससे वो सवाल खड़ा करने में और अपना रोल अदा करने में सक्षम है, ऐसे में अगर कोई ऐसा नहीं करना चाहता तो ये उसकी अपनी इच्छा और सोच हो सकती है।

अनुरंजन झा की लिखी पुस्तक ‘ए सीरीज ऑफ फॉल्स गाड्स-रामलीला मैदान’ और ‘ब्लफ ऑफ सोशल जस्टिस- गांधी मैदान’ की चर्चा करते हुए ग्लासगो सिटी यूनिवर्सिटी के मरीन इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष और इंडियन काउंसिल ऑफ स्कॉटलैंड के प्रेसिडेंट प्रोफेसर ध्रुव कुमार ने कहा कि इन पुस्तकों के जरिए हम भारतीय राजनीति के बदलाव को आसानी से समझ सकते हैं।

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