देश की सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने और भारतीय वायु सेना को और अधिक सशक्त बनाने के लिए फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खरीद सौदे पर सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए मोदी सरकार को हरी झंडी दिखा दी है।सर्वोच्च न्यायालय ने राफेल सौदे पर सीबीआई जांच की मांग ठुकराते हुए स्पष्ट कर दिया कि राफेल सौदे में कोई गड़बड़ी नहीं है।निःसन्देह अदालत के इस फैसले ने केंद्र की मोदी सरकार को जहां राहत दी है,वहीं विपक्ष इस फैसले से निराश है।
भारतीय जनता पार्टी के लिए समय अच्छा चल रहा है।राफेल सौदे से पूर्व रामजन्म भूमि पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले ने भाजपा को खुशी मनाने का एक शानदार मौका दिया।अंग्रेजों के शासन काल से ही अदालत में चल रहे रामजन्म भूमि विवाद का स्थाई समाधान निकलना,वो भी बगैर किसी विरोध या विवाद के,ये बेहद खुशी की बात है।सबसे खुशी की बात तो ये कि अदालत के इस फैसले से वो लोग भी खुश हैं,जो मस्जिद की पैरवी कर रहे थे।सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट और 17वीं और 19वीं शताब्दी के बीच भारत आने वाले विदेशियों के यात्रा वृतांत और कई अन्य पुख्ता प्रमाणों के आधार पर अपना फैसला सुनाया।
वैसे हालात में,जब देश के प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र रामजन्म भूमि अछूत सा था,तब भारतीय जनता पार्टी ने इसी मुद्दे से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी।जब देश के तमाम राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति में इस मुद्दे से दूर रहना चाहते थे,भाजपा ने अपने हर चुनावी घोषणा पत्र में इस मुद्दे के स्थाई समाधान का संकल्प लिया था।अब जबकि राम मंदिर विवाद का स्थाई समाधान निकल गया है,भारतीय जनता पार्टी बधाई की हकदार है।
उससे पहले नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को समाप्त कर, जम्मू-कश्मीर समस्या का स्थाई समाधान निकाल बहुत ही साहसिक कदम उठाया।साथ ही साथ देशवासियों से किया अपना वादा निभाकर समस्त देशवासियों पर अपनी पकड़ को और मजबूत बनाने का काम किया है।
आर्थिक मोर्चे,रोजगार की उपलब्धता, किसानों की समस्या सहित आम लोगों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में अब तक नाकाम नजर आ रही मोदी सरकार की विश्वसनीयता खतरे में नजर आ रही थी।ऐसे में जम्मू-कश्मीर,राम मंदिर और अब राफेल निश्चित रूप से भाजपा के लिए संजीवनी का काम करेगी।यदि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार रोजगार की उपलब्धता,किसानों की समस्या और आर्थिक मोर्चों पर थोड़ा ध्यान दे दे तो निःसन्देह उनके विरोधियों को ढूंढना मुश्किल हो जाएगा।