कोटा से बच्चों को वापस लाने के मामले पर न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
जदयू नेता मनोज लाल दास मनु ने पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा द्वारा 25 को किये जा रहे अनशन को मात्र मीडिया में सुर्खियां बटोरने का हतकंडा बताते हुए है कि इससे आम जनता से कोई लेनादेना नही है।इस विपदा की घड़ी में कुशवाहा का अनशन से आम जनता को कुछ लेना देना नही है।कुशवाहा को कोई भी बयान जारी करने से पहले स्थिति की जानकारी लेनी चाहिए।राज्य सरकार ने न्यायालय में भी अपनी बात रख दीहै जिसमे बिहार के बाहर फंसे लोगों को लॉकडौन के नियमो के अनुकूल बिहार लाना सम्भव नही है।आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्य अमृत के देख रेख में कोटा या अन्य जगहों पर रह रहे बिहार के छात्रों के सहायता के लिये अलग से सेल भी काम कर रहा है।इसके बाबजूद उपेंद्र कुशवाहा जैसे जिनका आम जनता से कुछ लेना देना नही है अनशन की घोषण की है जो बिहार की जनता का अपमान है।श्री कुशवाहा को जानकारी का अभाव है लोकसभा चुनाव में खुद दोनों सीटो से तथा टिकट बेचकर दूसरे दल से नेता को आयात कर चुनाव लड़ाने पर जनता द्वारा खारिज कर देने से मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गए है।रही सही कसर मुख्यमंत्री के उम्मीदवार तो दूर जिस गठबंधन में गए उसमें शामिल दल भी तरजीह देना बंद कर दिया।ऐसे में मानसिक विक्षिप्त होकर अनशन कर मीडिया में बने रहना चाहते है।सरकार किसी को न तो तरजीह देती है न ही बचाती है।विधायक द्वारा बेटी को कोटा से लाने के मामले में कार्रवाई हुई पूरा बिहार देख रही है।लेकिन कुशवाहा जो नीतीश फोबिया से ग्रषित है उन्हें दिख ही नही रहा है।
श्री मनु ने ने कोटा से बच्चों को वापस लाने के मामले पर कुछ विपक्षी नेताओं के बयान व कोटा में छात्रों के अनशन को महज नाटक बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का फ़ैसला राज्य हित मे है।न्यायालय में सरकार ने अपनी बातें रखी है,न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए।लोकडौन का अर्थ ही होता है घर मे बन्द रहे।जब सभी छात्रों के एकसाल का खर्च जमा है तो देखभाल की जिम्मेदारी कोचिंग संचालक और राजस्थान सरकार को चाहिए।बिहार सरकार ने कोटा में रह रहे छात्रों के लिये विशेष सेल बनाया है जहाँ पर तीन सौ से अधिक छात्रों को सुबिधा प्रदान की है।आज कोटा से गए छात्रों के कारण कई राज्यो में भी पोजेटिव की संख्या बढ़ गई। श्री कुशवाहा से अपील की है कि जन भावना के साथ रहे और अनशन का नाटक बन्द कर जनता को राहत सामग्री पहुचाने के लिये आगे आये।साथ ही बिहार के बाहर फंसे लोगों के बारे में सरकार द्वारा गठित सेल में सूचना देकर उनकी समस्या का समाधान करें।सही जानकारी दे पिछले बार की तरह नही जिसमे उन्होंने कहा था कि लोग भूखे है लेकिन जब पुलिस उस जगह गयी तो वे सब दारू वियर पी रहे थे।