अंजान जी फाउंडेशन की कार्यकारिणी समिति की बैठक संपन्न, नए सदस्यों को जोड़ने का प्रस्ताव

पटना : 09 फरवरी 2025 को अपराह्न 1:00 बजे कंकड़बाग में अंजान जी फाउंडेशन की कार्यकारिणी समिति की बैठक आयोजित की अंजान जी फाउंडेशन की। इस फाउंडेशन के संस्थापक संतोष श्रीवास्तव, जिन्हें “अंजान जी” के नाम से जाना जाता है, ने नेत्रहीन बच्चों के लिए भोजन और स्वास्थ्य के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने इन बच्चों को सहायता प्रदान करने के साथ ही फाउंडेशन के वित्तीय प्रबंधन को सुधारने और नए सदस्यों को जोड़ने का प्रस्ताव भी रखा।

बैठक का संचालन फाउंडेशन के मीडिया प्रभारी प्रभात कुमार ने किया। उन्होंने बैठक की अध्यक्षता के लिए पटना उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और फाउंडेशन के कानूनी सलाहकार श्री राजोदय सत्यजीत को आमंत्रित किया। सत्यजीत ने बैठक की शुरुआत में सभी सदस्यों का परिचय कराया। इसके बाद, उन्होंने सुझाव दिया कि फाउंडेशन को बेरोजगारों के लिए तकनीकी प्रशिक्षण और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने चाहिए, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशिक्षण के लिए सामान्य राशि ली जाए और इससे प्राप्त आय का उपयोग सामाजिक कार्यों के लिए किया जाए।

फाउंडेशन की सचिव शिल्पी ने आगामी 28 फरवरी को होने वाले कार्यक्रम की महत्वपूर्ण चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमें शुभ कार्यों के माध्यम से इसकी शुरुआत करनी चाहिए, जिससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके।

बैठक में उपस्थित अन्य सदस्य जैसे प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी के अभियंता, समाज सेवक और फाउंडेशन के वित्तीय सलाहकार मनीष कुमार वर्मा, अध्यक्ष माननीय आले हसन, उपाध्यक्ष डॉक्टर ज्योति प्रकाश, सह सचिव रवि शेखर, संयुक्त सचिव बिपुल पंकज, अभिनव श्रीवास्तव और निशांत कुमार ने भी अपनी शुभकामनाएं प्रकट कीं और इस अभियान के लिए अपना सहयोग देने का आश्वासन दिया।

इस बैठक का उद्देश्य केवल योजनाओं की चर्चा करना नहीं था, बल्कि वास्तविक कदम उठाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी था। सभी सदस्यों ने एकजुट होकर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का संकल्प लिया।

फाउंडेशन का लक्ष्य न केवल नेत्रहीन बच्चों की सहायता करना है, बल्कि समाज के अन्य कमजोर वर्गों के लिए भी सहायता के रास्ते खोलना है। सभी सदस्यों ने इस दिशा में कार्य करने के लिए एकजुटता का संकल्प लिया और अगले कार्यक्रम की योजना बनाने का निर्णय लिया।

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