संविधान से मिले आरक्षण को खत्‍म करने में लगी है सत्ता और विपक्ष : अनिल कुमार

आरक्षण को समाप्त करने की साजिश के खिलाफ जविपा ने किया राज्यव्यापी धरना-प्रदर्शन

हवेली खड़गपुर, मुंगेर 27 नवंबर 2019 : जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनिल कुमार ने आज सत्ता और विपक्ष पर ओबीसी, दलित, पिछड़े, अतिपिछड़े, आदिवासी और माइनोरिटी को संविधान से मिले आरक्षण को खत्‍म करने का आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा कि देश की आरक्षण विरोधी सरकार, बाबा साहब के संविधान सम्‍मत दलितों, कमजोरों, पिछड़ों, आदिवासियों को मिले आरक्षण के अधिकार से खिलवाड़ बंद करें। यह हमारा अधिकार है और इससे हमसे कोई छीन नहीं सकता है।

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अनिल कुमार ने उक्‍त बातें आज हवेली खड़कपुर अनुमंडल कार्यालय में एनडीए सरकार द्वारा ओबीसी के आरक्षण को समाप्‍त करने की साजिश के खिलाफ जनतांत्रिक विकास पार्टी का एकदिवसीय राज्‍यव्‍यापी धरना – प्रदर्शन के दौरान कही। उन्‍होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारें कहती रहती है कि पिछड़ों को मिल रहा आरक्षण समाप्त नहीं किया जाएगा। लेकिन, वास्तविकता इसके ठीक विपरीत है। देश में आज आरक्षण को समाप्त किये जाने की गहरी साजिश हो रही है।

उन्‍होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंडल आंदोलन की ही उपज हैं। वे गला फाड़-फाड़ कर सबका साथ सबका विकास का दावा करते थकते नहीं हैं। लेकिन बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई परीक्षाओं के परिणाम से उनकी आरक्षण विरोधी मंशा जाहिर हो जाती है, जो पिछड़ों अति/पिछड़ों को मिल रहे आरक्षण को खत्म करने की साजिश का प्रमाण है। आयोग ने 63वीं संयुक्त परीक्षा की मेधा सूची बनाने में गड़बड़ी की। नियमतः आरक्षित वर्ग का कट ऑफ मार्क्‍स अनारक्षित वर्ग से कम होता है। लेकिन आयोग ने ठीक इसका उल्टा किया। आरक्षित वर्ग का कट ऑफ मार्क्‍स अनारक्षित वर्ग से 7 अंक अधिक कर दिया। यह आरक्षित वर्ग के साथ घोर अन्याय है। इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह दोषी है, क्योंकि बिना उसके इशारे के आयोग इस प्रकार की धांधली नहीं कर सकता।

अनिल कुमार ने कहा कि ओबीसी को 54 प्रतिशत अधिकार से वंचित रखने वाले नीतीश कुमार अकेले सामान्‍य वर्ग को ही 80 प्रतिशत आरक्षण देने वाले मुख्यमंत्री बन चुके है। सवर्ण गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण देने के केंद्रीय प्रस्ताव को तुरंत लागू करने का काम किया है, लेकिन ओबीसी की मंडल कमीशन द्वारा मिल रहे आरक्षण के साथ हो रहे छेड़छाड़ पर अपनी मौन सहमति देते रह रहे है। वहीं, बिहार सरकार के राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा फार्मासिस्ट के 1311 पदों के लिए निकाले गये विज्ञापन में ओबीसी के पदों की संख्या शून्य है। ऐसा लगता है कि ओबीसी समाज के लिए नेशनल बैकवर्ड कमीशन और अदालत खत्म हो चुकी है। ऐसे में अब केंद्र सरकार से राष्ट्रीय स्तर न्यायिक आयोग गठन कर आरक्षण की मांग लंबे अरसे से की जा रही है। इसे भी अभी तक ठंडे बस्ते में डालकर केंद्र सरकार बैठी हुई है।

उन्‍होंने कहा कि हमारी मांग है कि न्यायिक आयोग का गठन जल्द से जल्द हो और बाबा साहेब ने जो संविधान में हम शोषित ,दलित , पिछड़ों , अतिपिछड़ों को जो अधिकार दिया था उसके साथ जो डबल इंजन की सरकार जो छेड़ – छाड़ कर रही है , अविलंब बंद हो। इस लिए आज हमारी पार्टी धरना प्रदर्शन कर रही है और बाबा साहब के संविधान से छेड़खानी करने वालों के लिए यह आंदोलन चेतावनी मात्र है। अगर यह नहीं रुका तो दलित, ओबीसी, पछड़े, अतिपिछड़े वर्ग के लोग एक बड़े जनांदोलन को मजबूर होंगे।

धरना – प्रदर्शन में धरना को आर्यन कुमार, सुभाष तांती, कौशल पासवान, अर्जुन पंडित, रूपन सिंह कुशवाहा, पूजा कुमारी, मोहम्मद शरीफ, रामप्रवेश यादव, शंभू दास, अवधेश यादव, डॉ सच्चिदानंद, अमरेन्द्र कुमार अमर, नवनीत कुमार, हरीश चंद्र, कुमार हिमांशु, आशीष कुमार, उधो यादव, सीताराम मांझी ने भी विचार रखे। इस मौके सैंकड़ो की संख्या में महिला एवं पुरुष कार्यकर्ता मौजूद रहे।
अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अनीता देवी ने की और संचालन हरिमोहन तुरी ने किया।

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