पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा का हुआ अनावरण
छपरा/पटना, 8 दिसंबर 2024 : छपरा के मस्तीचक में आयोजित के एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में, अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल ने गायत्री परिवार के दूरदर्शी संस्थापक को सम्मानित करने के लिए पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य की 50 फीट ऊंची प्रतिमा का शनिवार को अनावरण किया गया। बिहार में आयोजित इस कार्यक्रम में आचार्य जी के निस्वार्थ सेवा के दर्शन का जश्न भी मनाया गया और विज़न 2030 लॉन्च किया गया, जो क्षेत्र में नेत्र देखभाल में बदलाव के लिए एक व्यापक पहल है। इस साहसिक दृष्टिकोण का उद्देश्य सर्जिकल क्षमता को चौगुना करना, ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना और वंचित समुदायों के लिए नवाचार को बढ़ावा देकर बिहार की नेत्र देखभाल सेवाओं में अंतर को कम करना है।
कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत मुख्य अतिथि नंदकिशोर यादव, अनूप जलोटा, शेफाली पांड्या एवं अन्य लोगों ने दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से किया। तत्पश्चात भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा द्वारा एंथम सॉन्ग व सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं विपिन मिश्रा के द्वारा शंखनाद की प्रस्तुति दी गई।
विज़न 2030
बिहार और कम आय वाले क्षेत्रों में नेत्र देखभाल और सशक्तिकरण में परिवर्तन,सभी के लिए सुलभ, उच्च गुणवत्ता वाली नेत्र देखभाल सुनिश्चित करने के मिशन के साथ, विजन 2030 बिहार में नेत्र देखभाल में बदलाव के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की रूपरेखा तैयार करना है।
• 2030 तक सर्जिकल आउटपुट को 1,00,000 से 4,00,000 वार्षिक सर्जरी तक चौगुना करना। इस प्रयास का उद्देश्य राज्य की नेत्र सर्जरी दर को राष्ट्रीय औसत के करीब लाना है, यह सुनिश्चित करना कि अधिक लोगों को उच्च गुणवत्ता वाला उपचार प्राप्त हो।
• अगले छह वर्षों में 12 मिलियन व्यक्तियों की जांच की जाएगी और 2 मिलियन दृष्टि-बहाली सर्जरी की जाएगी।
• 1,500 वंचित ग्रामीण लड़कियों को पेशेवर ऑप्टोमेट्रिस्ट के रूप में प्रशिक्षण और कौशल प्रदान करना, कार्यबल की कमी को दूर करना और समुदायों को सशक्त बनाना
• सालाना 50 शोध पत्रों या परियोजनाओं के साथ नवाचार को बढ़ावा देना, ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल के लिए डेटा-संचालित, अनुकरणीय देखभाल मॉडल बनाना।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा कि बचपन में जब दीवाल पर यह लिखा होता था हम सुधरे जग सुधरा तो उसका अर्थ उस समय समझ में नहीं आता था लेकिन जब कॉलेज काल और आरएसएस से जुड़ा तो समझ में आया की किस तरीके से गायत्री परिवार इसको परिभाषित करती है। साथ ही नेत्रदान को लेकर उन्होंने कहां की परिवार की मंजूरी से मैंने भी नेत्रदान करने का फैसला किया है। उन्होंने इस पुनीत कार्य के लिए अखंड ज्योति अस्पताल के तमाम लोगों को शुभकामनाएं दी और कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में इनके द्वारा अद्भुत एवं अभूतपूर्व कार्य किया जा रहा है।
अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल के संस्थापक और कार्यकारी सदस्य मृत्युंजय कुमार तिवारी ने कहा, “विजन 2030 बिहार में परिहार्य अंधेपन को खत्म करने का एक प्रयास है।” “यह व्यक्तियों और समुदायों को सशक्त बनाते हुए स्वास्थ्य सेवा में बदलाव के बारे में है। उन्होंने कहा कि सेवा की एक विरासत पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य की शिक्षाओं ने पंडित रमेश चंद्र शुक्ला को प्रेरित किया, जिन्हें शुक्ला बाबा के नाम से जाना जाता है, जिन्होंने हमको सलाह दी। शुक्ला बाबा के मार्गदर्शन में, अखंड ज्योति नेत्र अस्पताल 2005 में एक मंदिर परिसर में 10-बेड की सुविधा के रूप में शुरू हुआ। आज, यह एक अत्याधुनिक उत्कृष्टता केंद्र बन गया है, जो 5 मिलियन से अधिक लोगों की जांच कर रहा है और उन्हें दृष्टि बहाल कर रहा है। आज तक 1 मिलियन से अधिक व्यक्ति इस से जुड़े हुए है।