पटना। जिला बाल संरक्षण इकाई और बाल कल्याण समिति पटना के अथक प्रयास के कारण तीन वर्ष बाद बालक अजय मंडल को अपने परिवार से झारखंड में मिलाया गया। इस कार्य मैं चाइल्ड लाइन एवम झारखंड पुलिस का सराहनीय योगदान प्राप्त हुआ ।
जिला पदाधिकारी पटना डॉ चन्द्रशेखर सिंह ने इस कार्य पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा की यह अद्भुत कहानी बाल संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले सभी कर्मियों के उत्तरदायित्व, सकारात्मक सोच और अथक प्रयास को फ लीभूत होने का साक्षात उदाहरण पेश करता है। तीन वर्ष पूर्व रेलवे पुलिस बल के माध्यम से पटना जंक्शन पर 8 वर्ष के बालक को रेस्क्यू कर रेलवे चाइल्ड लाइन को सुपर्द करते हुए बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
बालक हमेशा अपने घर जाने की बात कहता और उसके द्वारा अपने पता के रुप में सिर्फ टाटा बताया जाता था उसके द्वारा बताए गए पते पर तीन से चार बार सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट की मांग की गई परंतु हर बार निराशा हाथ लगी। काफ ी विचारोपरांत बालहित में यह निर्णय लिया गया की बालक को बताए गए पते पर ले जाया जाए।
घर मिलने पर विशेष परिस्थिति में माता पिता को सुपुर्द करने का आदेश दिया गया जिसके उपरांत जिला बाल संरक्षण इकाई पटना की तीन सदस्यो की टीम बालक को लेकर टाटा नगर पहुंची। तीन दिनों तक बालक के घर को वहां के स्थानीय पुलिस एवम चाइल्ड लाइन के सहयोग से बच्चे का घर खोज निकाला जो टाटा से 50 किलोमीटर की दूरी पर था। अपने बच्चे को तीन साल के उपरांत पाने के बाद पूरा परिवार उत्साहित और भाव भिवोर हो उठा।