बिहार :- कहते है कि दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो तमाम बाधाओं के बावजूद इंसान अपनी मंजिल को प्राप्त कर ही लेता है.
एक सफल इंसान ऐसे लोगों के लिए आदर्श बन जाता है, जो सफलता की तरफ अग्रसर होते है, अगर उस व्यक्ति ने कठिन परिस्थितियों में खुद को अडिग रखते हुए सफलता प्राप्त की हो तो सफलता कई मायने में अहम होती किंतु सफलता के शिखर पर पहुंचने के बाद अगर वह इंसान वैसे लोगों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दें जो सफलता के पायदान तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.
प्रतियोगी संस्थानों के वर्चस्व को तोड़ना एकमात्र मकसद
इन्हें सफलता का स्वाद चखा ने लगे तो कहानी अनुकरणीय हो जाती है, आज हम आपको बिहार की राजधानी पटना के नाला रोड स्थित बैंको ३० तथा निश्चय एकेडमी के संस्थापक शशि शरण की प्रेरक कहानी बताने जा रहे हैं.
एक तरफ जहां पूरे देश में शिक्षण का कार्य बाजारवाद के चपेट में आ चुका है, ऐसे दौर में बिहार की राजधानी पटना में एक ऐसे युवा हैं, जो आशा की किरण जगा रहा है। नाम है शशि शरण पिता है, सुरेंद्र जी दो भाई और एक बहन के भरे पूरे परिवार में शशि की शिक्षा दीक्षा पटना में हुई है.
असहाय कमजोर बच्चों को निशुल्क बैंकिंग की तैयारी
जून 2013 से लेकर अप्रैल 2017 के बीच उन्होंने बैंक ऑफ इंडिया स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद सिंडिकेट बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कहीं 3 महीने तो कहीं 6 महीने में बैंक पीओ की नौकरी की है शशि बतलाते हैं, कि नौकरी लग जाने के बाद उन्हें लगा कि उनके अंदर जो कुछ खास है, अगर इसको सामान्य छात्रों के बीच में माता जाए तो सफलता कई मायने में आम हो जाएगी एक था, कि उनके संस्थान के जो छात्र अंतिम रूप से चयनित होते हैं, उनके चेहरे पर जो मुस्कान आती है.
वह किसी भी सम्मान या किसी भी बड़ी सफलता से ज्यादा सुकून दाई होती है। पटना नाला रोड पेट्रोल पंप के पास गरीब असहाय कमजोर बच्चों को निशुल्क बैंकिंग की तैयारी करवाने के लिए बैंको 30 की स्थापना कि उसके बाद बैंकिंग की तैयारी करवाने के लिए अपने संस्थान निश्चय एकेडमी की शुरुआत की जो आज की तारीख में बैंकिंग की तैयारी करने वाले बिहार के छात्र छात्राओं के लिए सबसे पसंदीदा संस्थान बन चुका है।
गणित के जादूगर के रूप में प्रसिद्ध शशि शरण की प्रसिद्धि
आज की तारीख में शशि का यह अभियान आंदोलन बनता नजर आ रहा है, उनके संस्थान में सफलता की शत प्रतिशत गारंटी दी जाती है, साथ ही साथ छात्रों को अत्याधुनिक तकनीक से भी पढ़ाया जाता है, इस पुरे अभियान के खुद शशि मेंटर है, तथा छात्रों को सिलेबस की नित्य बदल रही सूक्ष्म बारिकियों तक से भी अवगत कराते हैं.
तैयारी मैं इस बात का ख्याल रखा जाता है, कि कमजोर छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए। ज्यादा से ज्यादा तादाद में छात्रों को अंतिम रुप से चयनित करवाने की मनसा होती है। इन दिनों अदम्या अदिति गुरुकुल में भी शशि शरण डॉक्टर एम रहमान और मुन्ना जी के नेतृत्व में चलने वाले गुरुकुल में भी शैक्षणिक अवदान दे रहे हैं।
बतौर युवा गणितज्ञ यह BSC एकेडमी कैरियर पावर जैसे संस्थानों में भी छात्रों का मार्गदर्शन कर चुके नीलम इन्फोटेक जैसे संस्थान के संस्थापक रहे है, निश्चय एकेडमी को लेकर शशि की सोच साफ है, इनका कहना है, कि उन्होंने संस्थान की स्थापना आर्थिक उपार्जन के लिए नहीं किया बल्कि बाजारवाद में फंस चुकी बिहार की प्रतियोगी संस्थानों के वर्चस्व को तोड़ना उन का एकमात्र मकसद है.
निर्धन विकलांग छात्रों को संस्थान में नाममात्र के शुल्क पर शिक्षा दी जाती
छात्रों की सफलता के मिठास के आगे सब कुछ बेकार है इनका यह अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है. इनके मन में बचपन से ही लीक से अलग कुछ कर गुजरने की चाहत थी. जो ज्ञान इनके पास है छात्रों के बीच बांटा जाए तो बिहार से हजारों की तादाद में छात्र विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए चयनित हो सकते हैं.
गणित पढ़ाने की कला के कारण छात्रों की भीड़ खिंची चली आती गणित के जादूगर के रूप में प्रसिद्ध शशि शरण की प्रसिद्धि आज की तारीख में इतनी है कि विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए तैयारी करने वाले पटना आने वाले छात्र इनके संस्थान में गणित पढ़ना नहीं भुलते. आज भी निर्धन विकलांग छात्रों को उनके संस्थान में नाममात्र के शुल्क पर शिक्षा दी जाती है. इनके संस्थान में लाइव वीडियो क्लासेज की व्यवस्था भी है. बातचीत के क्रम में उन्होने बताया कि पढ़ने पढ़ाने के अलावा वे कुछ भी नहीं सोचते हैं उन्हें लगता है कि छात्रों के अंदर सब कुछ है बस उसे परोसने की कला सीखनी है.
गणित के बारे में छात्रों के दिमाग में बचपन से ही बैठा दिया जाता है कि कठिन है लेकिन तकनीक के माध्यम से पढ़ाते है जिससे छात्रों को लगता है कि अन्य विषय से गणित के सवालों को हल करना काफी आसान है।
विज्ञापन