अटूट जन आस्था के महापर्व छठ के नहाए खाए के साथ छठ की तैयारियां प्रारंभ हो गई है। साथ ही हम आपको एक एक ऐसे अनूठे छठ घाट के बारे में बताने जा रहे हैं जो हिंदू मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल है। यह छठ घाट छपरा जिले के मशरख प्रखंड के अरना पंचायत के अंतर्गत बरका अरना (बीचला टोला) छठ घाट है। जहां पश्चिम की तरफ बरहम बाबा का स्थान है, जहां छठी मैया की सिरसोपता बनी हुई है और छठ घाट है, तो दूसरी तरफ मस्जिद से आजान गूंजता है। बीच में घोघारी नदी है, जिस पर स्थानीय सांसद ने पक्का छठ घाट का निर्माण कराया है। नदी के पूरब तरफ अरना पंचायत का मियां टोली गांव है। नदी के पश्चिम तरफ प्राचीन काल का बरहम बाबा स्थान है, जहां दशहरा में मेला लगता है। बीच में घोघारी नदी है। जिसके पूरब तरफ मकतब पर मोहर्रम का मेला लगता है। एक ही पंचायत का यह दो टोला धार्मिक एकता का अनूठा मिसाल है।
फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य वरिष्ठ पत्रकार अनूप नारायण सिंह का यह पैतृक गांव है। वे बताते हैं कि आजादी के पहले से नदी के पूरब की तरफ मस्जिद और पश्चिम की तरफ से बरहम बाबा का प्राचीन स्थान है, जो दोनों समुदाय के आस्था का केंद्र है। छठ घाट के कारण यह एकता और आस्था और मजबूत होती है। जब लोग नदी किनारे डूबते उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं तो दूसरी तरफ मस्जिदों से आजान गूंजती है। बताते हैं कि यह गांव पूरे छपरा जिला के लिए आदर्श गांव है। जहां कभी भी दोनों समुदायों के बीच कोई दिक्कत नहीं हुई है।