कमल की कलम से !
एक खुशखबरी : दिल्ली के पुराने किले में इस महीने के अंत तक लाइट एंड साउंड का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा जिसमें पांडव कालीन इतिहास देखने को मिलेगा.साथ साथ कुषाण काल से शेरशाह सूरी ,मौर्य काल, और हुमायूं से लेकर अकबर तक के इतिहास का भी लुत्फ उठाया जा सकेगा.
दिल्ली का यह पहला किला है जिसका मुगलों से बहुत पहले का लंबा इतिहास है जिसका पूरा प्रमाण हैं. 1955 से लेकर अभी तक पांच बार इसके इतिहास को लेकर साक्ष्य जुटाने के लिए खुदाई की गई है अब छठी बार खुदाई हो रही है.अभी तक करीब 2000 साल पहले से यहां बसावट के प्रमाण मिल चुके हैं.जो कुषाण काल से संबंधित हैं.इस काल के प्रतापी शासक कनिष्क रहे हैं.
इससे पहले की हुई खुदाई में मौर्य काल के भी यहां प्रमाण मिल चुके हैं.मौर्य साम्राज्य के पहले शासक चन्द्रगुप्त मौर्य थे, जिन्होंने चाणक्य की सहायता से उस समय मगध पर शासन करने वाले नंद वंश के राजा घनानंद को पराजित कर अपना राज्य स्थापित किया था.सम्राट अशाेक इस वंश से सबसे प्रतापी शासक हुए हैं.उनके समय के निर्माण के प्रमाण यहां मिले हैं.
पांडवों के राज्य करने के समय से पांच हजार साल पुराना माना गया है.बार लाइट एंड साउंड शाे में कहानी इस तरह से तैयार की जा रही है कि पुराना किला का इतिहास भी लोगों को देखने को मिल सके. इस शो को इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की मदद से किया जा रहा.