आईईईएमए ने पटना में बिहार पावर कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया – राज्य में ऊर्जा क्षेत्र की वृद्धि को गति देने वाला एक मील का पत्थर कार्यक्रम है

आईईईएमए के बिहार पावर कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का उद्घाटन बिहार के ऊर्जा और उद्योग मंत्रियों के द्वारा किया गया
• बिहार की नई नवीकरणीय ऊर्जा नीति और औद्योगिक नीति राज्य को सतत और भविष्य-उन्मुख पावर इकोसिस्टम की ओर अग्रसर करने के लिए रोडमैप तैयार करेगी

पटना, 29 अगस्त, 2025: इंडियन इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईईईएमए) ने आज पटना में बिहार पावर कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया। यह आयोजन राज्य में अपनी तरह का पहला ऊर्जा सम्मेलन है। इसका उद्घाटन बिजेंद्र प्रसाद यादव, माननीय मंत्री, ऊर्जा विभाग, बिहार सरकार; नीतीश मिश्रा, माननीय मंत्री, उद्योग विभाग, बिहार सरकार; मनोज कुमार सिंह, आईएएस, सचिव, ऊर्जा विभाग, बिहार सरकार; तथा राहुल कुमार, आईएएस, प्रबंध निदेशक, एनबीपीडीसीएल एवं बीएसपीटीसीएल के द्वारा किया गया। बिहार पावर कॉन्क्लेव, आईईईएमए द्वारा विभिन्न राज्यों में शुरू किए गए स्टेट पावर कॉन्क्लेव श्रृंखला का पांचवां संस्करण है, जिसका उद्देश्य राज्यों में व्यापारिक संभावनाओं को उजागर करना है।

बिहार पावर कॉन्क्लेव में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा: “हमने भविष्य में 24,000 मेगावाट थर्मल पावर में निवेश का निर्णय लिया है और नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सोलर पावर प्रोजेक्ट्स में काफी काम हो रहा है। पंप स्टोरेज तकनीक से बिहार को बहुत लाभ होगा।”

उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने बिहार की नई औद्योगिक नीति पर जोर देते हुए उद्योग जगत को निवेश के लिए आमंत्रित किया: “यदि आप आंकड़ों को देखें, तो हम सड़क, हवाई सेवा, बिजली, अर्थव्यवस्था आदि में कई राज्यों से आगे हैं। हमारे पास 15,000 एकड़ की लैंड बैंक है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि बिहार में निवेश करना अत्यंत लाभकारी होगा, जो हमारे प्रधानमंत्री के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ के मंत्र पर आधारित है।”

मनोज कुमार सिंह, आईएएस, सचिव, ऊर्जा विभाग, भारत सरकार ने कहा: “हमने ग्रिड सब स्टेशनों की संख्या में चार गुना वृद्धि देखी है, ट्रांसमिशन क्षमता 19 गुना बढ़ी है, औद्योगिक बिजली खपत में दस गुना और सर्किट नेटवर्क में छह गुना वृद्धि हुई है। बिहार में 74 लाख से अधिक प्रीपेड मीटर लगे हैं। औसत नेट टैरिफ लागत में 15% की कमी आई है। हम देश का एकमात्र राज्य हैं जिसे वित्त विभाग से अग्रिम ऊर्जा सब्सिडी मिल रही है और पिछले 12 वर्षों से हम ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में अपने संसाधनों से निवेश कर रहे हैं। बिजली की मांग 8,800 मेगावाट से बढ़कर 14,000 मेगावाट हो गई है और हम कृषि को ग्रिड से जोड़ने की योजना बना रहे हैं। उद्योगों के लिए लक्षित सब्सिडी के साथ, बिहार आज एक कुशल और लाभदायक पावर इकोसिस्टम प्रदान करता है।”

राहुल कुमार, आईएएस, प्रबंध निदेशक, एनबीपीडीसीएल एवं बीएसपीडीसीएल ने कहा कि राज्य में घरों को 22–23 घंटे की बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में मौजूद चुनौतियों और संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।

कॉन्क्लेव में राज्य विशेष अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा हुई, जिनमें ग्रिड आधुनिकीकरण, सौर संयंत्रों का विकेंद्रीकरण, स्मार्ट मीटरिंग, नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण और ट्रांसमिशन का विस्तार शामिल था। इस आयोजन में तकनीकी सत्र, नीति योजनाएं, संवाद और नेटवर्किंग के अवसर शामिल थे, जो क्षमता निर्माण, नवीन तकनीकों और समाधान पर केंद्रित थे। सत्र का नेतृत्व विशेषज्ञों और उद्योग प्रतिनिधियों द्वारा किया गया।

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