सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में 60% से अधिक सीट खाली रहना राज्य के बदहाल तकनीकी शिक्षा का सबूत–विजय कुमार सिन्हा

लाखों बच्चे इंजीनियरिंग पढ़ाई के लिए प्रतिवर्ष जा रहे हैं राज्य के बाहर,

राज्य की बिगड़ी कानून व्यवस्था और आपराधिक बातावरण के कारण भी छात्र बिहार से बाहर जाने के लिए विवश,

आधारभूत सुविधाओं की भी राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज में भारी कमी,

पढ़ाई की अच्छी व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग नहीं ले रहे हैं एडमिशन।

पटना, 22 नवम्बर 2023

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने राज्य के38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में 60%से अधिक सीट खाली रह जाने पर कहा है कि यह बिहार में तकनीकी शिक्षा के बदहाली का सबूत है।

श्री सिन्हा ने कहा कि कुल 13765 सीटों में से 7942 सीट खाली रह जाना चिंता का विषय है।यह स्थिति तब है जबकि इस वर्ष 2810 सीट बढ़ाई गई थी।यह हालात कई वर्षो से है।लेकिन सरकार ने इस पर कभी गम्भीर नहीं हुई।एक समय था जब राज्य में इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला के लिए बहुत कंपीटिशन था।पर आज कंप्यूटर साइंस में भी सीट नहीं भर पाता है।

श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य की अराजक शिक्षा व्यवस्था के कारण लाखों छात्र राज्य के बाहर पलायन कर रहे हैं।सरकार ने उनके पलायन को रोकने हेतु कोई प्रयास नहीं किया है।33 वर्षों में राजद और जदयू ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को रसातल में पहुंचा दिया है।उन्नत शिक्षा का प्राबधान के बजाय समाज को विभाजित करने में इनका पूरा ध्यान लगा है।

श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य की बिगड़ी कानून व्यवस्था के कारण भी छात्र बाहर जाने के लिए बिबस हैं।राज्य में आपराधिक घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रहा है।पुलिस और प्रशासन सभी अपराधियों को बढ़ाबा दे रहे हैं।

श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों में आधारभूत संरचना की भारी कमी है।लैब,प्राध्यापक, शिक्षकेत्तर कर्मी एवम अन्य संसाधनों के विकास के लिए सरकार अपनी अभिरुचि नहीं रखती है।परिणाम यह है कि राज्य के अधिकतर बंचित, कमजोर, पीछड़े, अतिपिछड़ा औऱ आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को गुणात्मक शिक्षा नहीं मिल पाती है।

श्री सिन्हा ने कहा कि इन कॉलेजों में पढ़ाई की स्थिति दयनीय है।सभी विषयों के स्वीकृत वल से कम प्राध्यापक कार्यरत हैं।पढ़ाई से लेकर कॉपी जांच तक के कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए अधिक मानव बल की आवश्यकता है।

श्री सिन्हा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों की समीक्षा स्वयं करें और आबश्यक सुधार हेतु आदेश दें।आप एडमिशन प्रक्रिया खत्म होने के वाद भी मेधावी छात्रों को नामांकन हेतू प्रक्रिया अपना कर खाली सीटों को भरने की व्यवस्था कर सकते हैं।

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