नई दिल्ली। 13 साल के लंबे इंतजार के बाद रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 3547 करोड़ रुपये की लागत से असॉल्ट राइफल और कार्बाइन की खरीद को मंगलवार को मंजूरी दे दी। इस मंजूरी के बाद सीमा पर तैनात जवानों को 72000 असॉल्ट राइफल और 93 हजार 895 कार्बाइन उपलब्ध करवाई जाएंगी। इस खरीद से सशस्त्र बलों के लिये छोटे हथियारों की कमी को खत्म किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि खरीद की प्रक्रिया शुरू करने के लिये जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे। खरीद सरकार से सरकार G2G स्तर पर की जा सकती है। रक्षा मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में बताया गया कि रक्षा डिजाइन और रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र की भागीदारी और मेक इन इंडिया कार्यक्रम को प्रोत्साहन देने के लिये डीएसी ने रक्षा खरीद प्रक्रिया की मेक टू श्रेणी में महत्वपूर्ण बदलाव किये हैं।
मेक-2 प्रोजेक्ट में हिस्सा लेने के न्यूनतम मानक जैसे क्रेडिट रेटिंग और कुल वित्तीय संपत्ति में भी बदलाव किए गए हैं। मेक-2 परियोजनाओं के लिये न्यूनतम योग्यता के मानदंडों में भी ढील दी गई है। इसमें क्रेडिट रेटिंग से संबंधित शर्तों को हटा दिया गया है। इस नई आसान प्रक्रिया में ज्यादा वेंडर हिस्सा ले पाएंगे।
दी गई जानकारी के मुताबिक सरल किए योग्यता मानदंडों को पूरा करने वाले सभी विक्रेताओं को प्रोटोटाइप विकास प्रक्रिया में हिस्सा लेने की अनुमति होगी। विक्रेता को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट सौंपने की जरूरत नहीं होगी।’ इस खरीद से सशस्त्र बलों के लिये छोटे हथियारों की कमी का समाधान होने की उम्मीद है।