कर चोरी करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में जबरदस्‍त वृद्धि

13-01-2018:

आयकर विभाग काले धन की समस्‍या से निपटने को सर्वोच्‍च प्राथमिकता दे रहा है। इस उद्देश्‍य को ध्‍यान में रखते हुए विभाग ने कर चोरी के कई मामलों में कानून कार्रवाई शुरू की है।

विभिन्‍न अपराधों के लिए कानूनी कार्रवाई की पहल की गई है जिनमें जान बूझकर कर चोरी करना अथवा किसी प्रकार के कर का भुगतान नहीं करनाजान बूझकर आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करनासत्‍यापन में फर्जी जानकारी और स्रोत पर काटे गए/संग्रहित कर को जमा नहीं करना अथवा इसमें अत्‍यधिक देरी करना शामिल है।

tax-choriवित्त वर्ष 2017-18 (नवम्‍बर 2017 को समाप्‍त अवधि तक) के दौरान विभाग ने 2225 मामलों में विभिन्‍न अपराधों के लिए कानूनी कार्रवाई करने संबंधी शिकायतें दाखिल की। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 784 शिकायतें दाखिल की गई थीं जो 184 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है। वर्तमान वित्त वर्ष (नवम्‍बर 2017 को समा‍प्‍त अवधि तक) के दौरान विभाग द्वारा संयोजित शिकायतों की संख्‍या 1052 थी जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह संख्‍या 575 थी। मामलों में 83 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। अपराधों का संयोजन तब किया जाता है जब बकायेदार अपना अपराध स्‍वीकार कर लेता है और निर्धारित शर्तों के अनुसार संयोजित शुल्‍क दे देता है।

कर चोरी करने वालों के खिलाफ विभाग द्वारा निर्णायक और केन्द्रित कार्रवाई करने के कारण अदालतों द्वारा दोषी ठहराए गए चूककर्ताओं की संख्‍या में वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान तेजी से वृद्धि दर्ज की गई। वर्तमान वर्ष (नवम्‍बर 2017 को समा‍प्‍त अवधि तक) के दौरान विभिन्‍न अपराधों के लिए 48 व्‍यक्तियों को दोषी ठहराया गया जबकि पिछले वर्ष इनकी संख्‍या 13 थी, इनकी संख्‍या में 269 प्रतिशत वृद्धि हुई।

उदाहरण के रूप में कुछ मामले इस प्रकार हैं:

  1. देहरादून की एक अदालत ने गोपनीय विदेशी बैंक खाता रखने पर एक चूककर्ता को दोषी ठहराया और कर चोरी का प्रयास करने के आरोप में उसे दो वर्ष के कारावास और प्रत्‍येक चूक के लिए मौद्रिक जुर्माने के साथ सत्‍यापन में फर्जी जानकारी के लिए दो वर्ष की सजा सुनाई।
  2. सीजेएम, जालंधर की अदालत ने एक कपड़ा व्‍यापारी को दो वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। इस व्‍यापारी ने कर चोरी के इरादे से अपने वकील और गवाह से साठ-गांठ कर शपथ पत्रों और उपहार दस्‍तावेजों में जालसाजी कर विभाग के साथ धोखाधड़ी का प्रयास किया। अदालत ने व्‍यापारी को सजा देने के साथ ही, जाली शपथ पत्र का सत्‍यापन करने पर वकील को तथा इस गंभीर अपराध में सहायता करने और सहयोग करने के लिए गवाह को भी एक-एक वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।
  • बेंगलुरु में, एक कंपनी का प्रबंध निदेशक जो बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से जुड़ा हुआ था उसे 60 लाख रुपये से अधिक (निर्धारित समय के भीतर) का टीडीएस जमा नहीं करने का दोषी पाया गया और उसे जुर्माने के साथ तीन महीने के कठोर कारावास की सजा दी गई। इसी प्रकार मोहाली के एक व्‍यक्ति को निर्धारित समय के भीतर टीडीएस जमा नहीं करने का दोषी पाया गया और उसे जुर्माने के साथ एक वर्ष के कारावास की सजा दी गई।
  1. हैदराबाद के एक अन्‍य मामले में, एक बुनियादी ढांचा कंपनी की निदेशक को जान बूझकर कर चोरी के प्रयास में छह महीने के कारावास और जुर्माने की सजा दी गई। साथ ही उसे सत्‍यापन में फर्जी जानकारी देने के लिए जुर्माने के साथ छह महीने का कठोर कारावास दिया गया।
  2. एर्नाकुलम में आर्थिक अपराध अदालत ने कर वसूली अधिकारी द्वारा कर वसूली प्रमाण-पत्र जारी करने के बावजूद करीब 76 लाख रुपये के करों के भुगतान से बचने के लिए एक व्‍यक्ति द्वारा संपत्ति बेचने के लिए उसे तीन महीने के कठोर कारावास की सजा दी।
  3. आगरा से प्राप्‍त एक अन्‍य मामले में विशेष सीजेएम ने एक चूककर्ता को एक वर्ष के कारावास और जान बूझकर कर चोरी का प्रयास करने और सत्‍यापन में फर्जी जानकारी देने के लिए जुर्माने के साथ छह महीने के कारावास की सजा दी।

आयकर विभाग कर चोरी के खिलाफ अभियान को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और कर चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई वर्तमान वित्त वर्ष के शेष भाग में भी जारी रहेगी।

***

ADVERTISEMENT

ccp-adv2-copy

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *