पटना: 22-12-2017
घोषणा की गई थी कि 21.12.2017 के बिहार बंद को आवश्यक सेवाओं से मुक्त रखा जाएगा, लेकिन गुरुवार को जब सड़क पर बंद कराने उतरे तो स्कूल बसों के साथ एंबुलेंस को भी रोक दिया गया। बताया गया था कि बंद के दौरान राजद कार्यकर्ता बाहर से आने वाले सिख श्रद्धालुओं का विशेष ख्याल रखेंगे। उनके लिए जगह-जगह चाय-नाश्ते का भी इंतजाम रहेगा। मरीज, एंबुलेंस, ट्रेन एवं स्कूली बसों समेत सभी जरूरी सेवाओं को बंद से मुक्त रखा जाएगा। स्कूल-कालेजों की परीक्षाओं पर भी बंद का असर नहीं पड़ेगा। पर हुआ इसका उलट।
बताया जा रहा है कि राजद समर्थकों ने अराजकता की हदें पार करे हुए लाठी-डंडे आदि लेकर जगह-जगह रास्ता जाम, आगजनी, तोड़फोड़ और रेल परिचालन बाधित किया। कहीं एंबुलेंस को रोक दिया गया तो कहीं लोगों से जबरदस्ती लालू जिंदाबाद के नारे लगावाये गये। दुकानों में तोड़-फोड़ की गई तो सड़कों पर चल रहे वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। राजद समर्थकों ने मीडियाकर्मियों को भी नहीं बख्शा और जबरन लालू जिंदाबाद के नारे लगावाये गये।
बिहार के पटना जिले के मनेर में जो घटना सामने आयी है, उससे यह साफ हो गया कि राजद के नेता और कार्यकर्ता अभी भी 90 की दशक वाला बिहार बनाना चाहते हैं। बंद के दौरान एंबुलेंस सहित कई गाडि़यां फंसी रही। लोगों को काफी परेशानी हुई। लेकिन इससे बंद समर्थकों को क्या, वे एनएच 30 पर लौंड़ा नाच करवाते रहे।
बक्सर में एनएच 84 बक्सर-कोचस और मोहनियां मार्ग जाम होने से परेशान एक शिक्षक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मानिकपुर माध्यमिक स्कूल के शिक्षक धनजी भारती स्नातकोत्तर की परीक्षा देने सासाराम जा रहे थे। दोपहर तक गांधी सेतु से कोई गाड़ी नहीं गुजरने दी गई। प्रकाशोत्सव में आए कुछ सिख श्रद्धालु पैदल ही टेंट सिटी को ओर जाते दिखे। गोपालगंज चीनी मिल हादसे के घायलों को ला रही एम्बुलेंस गांधी सेतु पर फंस गई।
आरा में धरहरा पुल और कोईलवर पुल को जाम कर दिया गया। पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल के 13 जिलों में राजद का बिहार बंद असरदार रहा। मुंगेर बेकापुर में राजद कार्यकर्ताओं की झड़प में राजद नगर निकाय प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव सह मुंगेर के डिप्टी मेयर सुनील राय का सिर फट गया। पूर्वी चंपारण, दरभंगा और मुजफ्फरपुर में ट्रेनें रोकीं गईं और सरकार के विरोध में नारेबाजी की गई। समस्तीपुर के मोहनपुर में राहगीरों को पीटा गया। गया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर में जाम, प्रदर्शन और नारेबाजी की गई।
बिहार बंद के दौरान जाम करने पर हुए विवाद में दो गुटों के बीच फायरिंग व बमबाजी से अहियापुर चौक थर्रा उठा। पुलिस की मौजूदगी में दोनों ओर से एक-दूसरे पर करीब 30 से 35 राउंड फायरिंग व दो बम धमाके किए गए। शरारती तत्वों ने पुलिस पर भी रोड़ेबाजी और फायरिंग की। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने भी दो राउंड हवाई फायरिंग की।
यही नहीं, सिवान में बिहार बंद के दौरान राजद के एक नेता द्वारा प्रखंड मुख्यालय स्थित बाजार बंद के दौरान अखबार हॉकर से हुई नोकझोंक एवं मारपीट करने का मामला प्रकाश में आया है। अखबार बिक्रेता सोंधानी निवासी भोला कुमार यादव ने थाने में आवेदन देकर भगवानपुर निवासी राजद नेता बलिराम राय के खिलाफ अखबार फाड़ देने, मारपीट करने एवं 4200 रुपये छीन लेने का आरोपलगाया है।
राज्य के अधिसंख्य प्रमुख स्टेशनों पर ट्रेनें रोकी गईं। पटना-गया रेलखंड के सिपारा के पास सुबह 9.10 बजे से 12.45 बजे तक रेलवे ट्रैक एवं सड़क जाम कर जमकर हंगामा किया। साढ़े तीन घंटे तक आरपीएफ, जीआरपी व पटना पुलिस के जवानों पर जमकर पथराव किया। बंद समर्थकों ने एक मालगाड़ी को रोककर उत्पात मचाया। इस दौरान 9.10 बजे से 12.45 बजे तक पटना- गया रेलखंड की अप व डाउन लाइन पर रेल परिचालन पूरी तरह ठप रहा। गया-किउल ट्रेन को शेखपुरा एवं पटना-रांची जनशताब्दी को जहानाबाद में रोक दिया गया। पटरियों पर आगजनी भी की गई। सभी बड़े स्टेशनों पर ट्रेनों को रोकने की कोशिश हुई।
इससे पूर्व अपने समर्थकों का उत्साह बढ़ाने के लिए राजधानी की सड़कों पर सुबह करीब 10.30 बजे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, विधायक तेजप्रताप यादव एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह समेत कई नेता-कार्यकर्ता दलबल के साथ उतर आए। काफिले के साथ ये राजद कार्यालय से आयकर गोलंबर होते हुए डाकबंगला चौराहा पहुंचे। राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना की और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जनविरोधी बताया। तेजस्वी ने कहा कि बालू संकट से हुए नुकसान की जबतक भरपाई नहीं कर दी जाती तबतक उनका संघर्ष जारी रहेगा। तेजस्वी एवं रघुवंश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में राजद के दर्जनों नेताओं ने पटना के कोतवाली थाने में गिरफ्तारी दी।
उपद्रव, तोडफ़ोड़, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, जबरन बाजार बंद कराने, यातायात बाधित करने के आरोप में पुलिस ने पूरे प्रदेश से 1678 लोगों को गिरफ्तार किया। 12 एफआइआर दर्ज की गई है। इन मामलों की जांच हो रही है।
इस बिहार बंद के दौरान राजद नेताओं ने अपनी पुरानी छवि दिखा दी और सड़कों पर जमकर उत्पात मचाया। राजद के युवा नेता भी मुद्दे की लड़ाई नहीं बल्कि हंगामे और डंडे की राजनीति करते दिखे। जगह-जगह लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा और राजद के तमाम बड़े नेताओं की सारी तैयारी और वादे पर पानी फिरता दिखाई दिया। राजद ने अपनी छवि से यह जता दिया है कि हंगामे की राजनीति जायज है।
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