पटना, विश्व स्तरीय कायस्थ संगठन ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ की बैठक संपन्न हो गयी, जहां जीकेसी की उपलब्धी और जीकेसी सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ के आागामी कार्यक्रम के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की।
जीकेसी की सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय प्रभारी सह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. नम्रता आनंद की अध्यक्षता में जीकेसी पटना के केन्द्रीय कार्यालय में महत्वपर्ण बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जीकेसी सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ की टीम की ओर से सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए रोड मैप की रूपरेखा भी तैयार की गयी।इस अवसर पर जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि जीकेसी का सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ समाज के हर वर्गो के हित में काम करेगा। उन्होने जीकेसी के सात मूलभूत सिद्धांत सेवा, सहयोग, संप्रेषण,सरलता, समन्वय, सकारात्मकता और संवेदशनीलता को जीवन में आत्मसात करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज की एकता दिखने लगी है। उन्होंने कहा कि जीकेसी के सभी सदस्य अपनी शक्ति और सामर्थ्य के अनुसार अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है। स्पष्ट सोच और समर्पण को भावना रखने वाली जीकेसी की टीम से जीकेसी का भविष्य उज्ज्वल है।
उन्होंने कहा कि जीकेसी का सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ आने वाले समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।जीकेसी को आगे बढ़ाने के लिए सोच और विचारधारा का ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वयन की जरूरत है।
इस अवसर पर जीकेसी सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय प्रभारी सह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. नम्रता आनंद ने कहा कि समाज के हर वर्ग के सर्वांगीण विकास के लिये जीकेसी सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने उन्हें जो जिम्मेवारी सौंपी गयी है उसमें अपना शत प्रतिशत देने का प्रयास करेंगी और उनसे जहां तक संभव हो सकेगा, उसमें अपना योगदान देंगी। हमारा लक्ष्य निर्धारित है और उसको पाने के लिए सेवा भाव से अपनी ऊर्जा को हमें संगठन में लगाना है और जीकेसी का पूरा समर्थन करना है।उन्होंने कहा कि जीकेसी का सेवा और मानवाधिकार प्रकोष्ठ के माध्यम से वह मानव हित की रक्षा के लिये काम करेंगी। उन्होंने बताया कि आगामी 03 मार्च को जीकेसी सेवा-मानवाधिकार प्रकोष्ठ की ओर से होली मिलन समारोह का आयोजन किया जायेगा।
इस अवसर पर जीकेसी बिहार-झारखंड के प्रभारी सह कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार, प्रदेश प्रवक्ता मुकेश महान, आइटी सेल के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष ब्रजेश, जीकेसी के प्रदेश सचिव चंदू प्रिंस,कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के सचिव प्रवीण कुमार बादल, अजय अमबष्ठ, दिवाकर कुमार, अभय सिन्हा,सुनील कुमार सिन्हा, रजनीश रंजन, प्रभात कुमार वर्मा, प्रसून श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त किये।