पटना, 9 दिसम्बर ।
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पथ निर्माण मंत्रियों के कांफ्रेंस में बिहार की पथ संधारण नीति की प्रशंसा
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पथ निर्माण मंत्री श्री नंद किशोर यादव ने उपलब्धियों की विस्तार की चर्चा
बिहार के पथ निर्माण मंत्रियों के सम्मलेन में बिहार की पथ संधारण नीति (ओपीआरएमसी) की जम कर सराहना की गयी और कहा गया कि देश में ऐसा पहली बार हुआ। सम्मेलन में बिहार के पथ निर्माण मंत्री श्री नंद किषोर यादव ने इस बारे में विस्तार से जानकारी रखी।

लखनऊ स्थित बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा आयोजित ‘लखनऊ कांन्फ्रेंस’ में सड़क निर्माण विषयक नई तकनीकि संगोष्ठी में विभिन्न राज्यों से आये पथ निर्माण मंत्रियों और प्रतिनिधियों के सम्मेलन में श्री यादव ने आज कहा कि पथ निर्माण और उसके संधारण की दिषा में नई-नई तकनीकियों के अपनाने से विभाग को काफी सहूलियत हुयी है तो आम जनों को लाभ पहुंचा है। यूपी के उपमुख्यमंत्री, जो लोक निर्माण मंत्री हैं, श्री केष्व प्रसाद मौर्य ने अतिथियों का स्वागत किया।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने बिहार रोड मास्टर प्लान 2020 बनाया है। प्रदेष में सभी राज्य उच्च पथ का टू-लेन चैड़ीकरण का लक्ष्य है। चरणबद्ध तरीके से बाकी जिला मुख्यालयों को भी जोड़ने की योजना पर काम किया जा रहा है। यातायात में वृद्धि की सम्भावनाओं के मद्देनजर मास्टर प्लान में सभी जिला मुख्यालयों को 4 लेन राष्ट्रीय उच्च पथ अथवा राज्य उच्च पथ से जोड़ने एवं सभी प्रखंड मुख्यालयों को राज्य उच्च पथ से जोड़ने का लक्ष्य है।
श्री यादव ने बिहार में सड़क व पुल-पुलियों के निर्माण की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि सूबे में रोड नेटवर्क सुगम, सुरक्षित और संधारित बनाया गया है। सूबे में कहीं से चलिए राजधानी पटना छः घंटे में पहुँचिए पुराना हो गया है। स्थिति इतनी बेहतर है कि अब पाँच घंटे में ही राज्य मुख्यालय पहुँचा जा सकता है। पुल-पुलियों के निर्माण का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, हम सम्बन्ध का पुल बनाते हैं। इससे एक-दूसरे छोर के रिश्ते मजबूत होते हैं। बिहार को उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए बक्सर में गंगा नदी पर पुल पहले से ही है। बगहा जिले के धनहा और यूपी बार्डर से सटे रतवली पुल गंडक नदी पर बन कर चालू हो गया है। अंतरराज्यिक संयोजकता की योजना के तहत् गोपालगंज जिलान्तर्गत भागीपट्टी-समोर से बनकट्ठा (उत्तरप्रदेश सीमा) वाया कटैया के बीच पथ का चैड़ीकरण और मजबूतीकरण का कार्य किया गया है।
श्री यादव ने कहा कि गंगा नदी में जहाँ वर्ष 2004 तक मात्र महात्मा गांधी सेतु (पटना), राजेन्द्र सेतु (मोकामा), बक्सर पुल एवं भागलपुर में कुल 4 पुल थे उसकी तुलना में अब आरा-छपरा के बीच वीर कुंवर सिंह सेतु एवं दीघा सोनपुर के बीच (जय प्रकाष सेतु) बनाकर आवागमन के लिए चालू कर दिया गया है। साथ ही साथ कच्ची दरगाह-विदुपुर 6-लेन ब्रीज, बख्तियारपुर-ताजपुर, मुंगेर-बेगुसराय, मोकामा 6-लेन ब्रीज, महात्मा गांधी सेतु के समानान्तर 4-लेन ब्रीज या तो निर्माणाधीन हैं या मंजूरी की प्रक्रिया में हैं। इसी प्रकार गंडक नदी पर गोपालगंज-बेतिया के बीच नया पुल तथा धनहा रतवल पुल के बीच बिहार यू॰पी॰ बाॅर्डर पर नया पुल बना कर चालू कर दिया गया है एवं इसके अलावे सत्तारघाटर, बंगराघाट आदि नए पुलों का निर्माण कार्य जारी है। कोसी नदी पर ईस्ट-वेस्ट काॅरिडोर कोसी महासेतु के अलावे विजयघाट, गंडौल-विरौल पुल आदि का निर्माण कर लिया गया है। फुलौत घाट पर नए पुल प्रस्तावित है। इसी तरह सोन नदी पर दाउदनगर नासरीगंज के बीच नया पुल निर्माणाधीन है।
विगत 10 वर्षों की महŸवपूर्ण भौतिक उपलब्धियाँ की चर्चा करते हुए श्री यादव ने कहा कि 4248 कि॰मी॰ राज्य उच्च पथों का 2-लेन मानक में उन्नयन हुआ है। राज्य निधि से 2232 कि॰मी॰ राष्ट्रीय उच्च पथ एवं 19770 कि॰मी॰ वृहद् जिला पथों का उन्नयन एवं संधारण, मुख्य मंत्री सेतु निर्माण योजना अन्तर्गत 5110 पुलों का निर्माण, 12 अदद् मेगा पुलों का निर्माण और 1673 वृहद्/लघु पुलों का निर्माण कराया गया है। इसी प्रकार राज्य में 28 अदद् रेलवे उपरी पुल का निर्माण किया गया है। उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में हुए कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होनें कहा कि वाम पंथ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र पथ विकास योजना के तहत् 660 कि॰मी॰ पथ एवं इस पर अवस्थित पुलों का उन्नयन किया गया है। इस प्रकार राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना फेज-1 के तहत् राष्ट्रीय राजमार्ग-2 के 206 कि॰मी॰ 4-लेन सड़क का निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना फेज-2 के तहत् 464 कि॰मी॰ 4-लेन सड़क का निर्माण। अन्तरराज्यिक संयोजना की योजना अंतर्गत गोपालगंज में भागीपट्टी-समौर से बनकट्टा (यू॰पी॰ सीमा) भाया कटैया के कि॰मी॰ 8 (अंश) तक (कुल लंबाई 4.40 कि॰मी॰) पथ का चैड़ीकरण एवं मजबूतीकरण का कार्य व पष्चिम चम्पारण जिलान्तर्गत धनहा रतवल पथ पर अवस्थित धनहाघाट एवं रतवल घाट के बीच गंडक नदी पर पुल का निर्माण किया गया है। इसके पहुँच पथ का कार्य निर्माणधीन है, जा उत्तर प्रदेश से संपर्कता प्रदान करेगा।
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