पटना, 02 दिसम्बर 2017 :
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग और सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट द्वारा सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र स्थित ज्ञान भवन में आयोजित 24वें पटना पुस्तक मेला का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया।
पुस्तक मेला के आयोजकों ने मुख्यमंत्री को पुस्तक और प्रतीक चिन्ह भेंटकर उन्हें सम्मानित किया। वही प्रभात प्रकाशन की ओर से मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र और चरखा भेंट की गई।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने सबसे पहले मेला आयोजको और ‘समय का लेख’ पुस्तक के लिए झारखण्ड सरकार के मंत्री श्री सरयू राय को बधाई और शुभकामना दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना पुस्तक मेला दुनिया के 10 शीर्ष पुस्तक मेला में शामिल है, जबकि दिल्ली, कोलकाता के बाद पटना पुस्तक मेला देश का तीसरा सबसे बड़ा पुस्तक मेला है। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेला में पिछली बार राज्य सरकार के सात निश्चय को बेहतर तरीके से लोगों के सामने रखा गया और इस बार जो नशामुक्ति के साथ-साथ दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ जो अभियान छेड़ी गयी है, उसके प्रति भी लोगो को इस मेले में अनेक माध्यमों से प्रेरित किया जाए ताकि बिहार से इन सामाजिक कुरीतियों को खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा कि पटना पुस्तक मेला सिर्फ पुस्तकों की प्रदर्शनी और बिक्री के लिए नही है बल्कि इसका व्यापक उद्देश्य है।
सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका तीन हिस्सा है- एक ज्ञान भवन, दूसरा बापू सभागार और तीसरा सभ्यता द्वार। ज्ञान भवन का बापू के चम्पारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में इसी वर्ष 10 अप्रैल को आयोजित कार्यक्रम के दौरान उद्घाटन हुआ, जबकि 2 अक्टूबर को बापू सभागार का उद्घाटन इसी वर्ष किया गया।
उसी दिन ही गाँधी जयंती के मौके पर बाल विवाह, दहेज प्रथा उन्मूलन के साथ ही बिहार को नशामुक्त बनाने का एक सशक्त अभियान भी शुरू किया गया है। इसे पूरी मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए हर किसी को सहयोग के लिये आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से लोगों को थोड़ी परेशानी जरुर हुई है। कुछ लोग इसे मौलिक अधिकार और अपनी लिबर्टी से जोड़कर देखते हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि शराब पीना या शराब का व्यापार करना मौलिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि बहुत लोग मानते थे कि बिहार में पीना, पिलाना बंद होने के बाद पर्यटकों की संख्या में कमी आएगी लेकिन जब से बिहार में शराबबंदी लागू हुई है न सिर्फ पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है बल्कि कई नए होटल भी पटना के साथ ही पूरे बिहार में खुले हैं।
मुख्यमंत्री ने पुस्तक मेला आयोजकों से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पुस्तक मेला का आयोजन कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र है जिसे बहुत लोग सेंटर समझते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभ्यता द्वारा भी निर्माणाधीन है, जिसका जल्द ही उद्घाटन किया जाएगा और इस सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र के प्रांगण में सम्राट अशोक की एक सांकेतिक मूर्ति भी लगाई जायेगी, जिसके पीछे अशोक स्तम्भ होगा। उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक की वास्तविक तस्वीर उपलब्ध नहीं है हालांकि वे बुद्ध दर्शन की ओर आकृष्ट थे जिसकों ध्यान में रखते हुए सम्राट अशोक की मूर्ति बनाई जा रही है।
झारखंड के संसदीय कार्य मंत्री श्री सरयू राय की लेखनी की जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिष्ठित और लोकप्रिय पटना पुस्तक मेला में सरयू राय जी की पुस्तक का लोकार्पण हुआ, यह काफी खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि आपने दामोदर और सोन नदी पर काफी काम और मेहनत किया है, इसलिए गंगा की अविरलता और निर्मलता दोनों बरकरार रहे, इस दिशा में भी आपकों ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि बिना निर्मलता के गंगा की अविरलता का कोई मतलब नहीं रहेगा।
पटना पुस्तक मेला उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने झारखण्ड के संसदीय कार्य एवं खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री सरयू राय की पुस्तक ‘समय का लेख’ का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट द्वारा पेंटिंग, पत्रकारिता एवं लेखन के क्षेत्र में सम्मानित होने वाले युवा प्रतिभाओं को भी अपनी शुभकामनायें दी।
आयोजित समारोह को झारखण्ड के संसदीय कार्य एवं खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री सरयू राय, शिक्षा मंत्री श्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, कला संस्कृति मंत्री श्री कृष्ण कुमार ऋषि, सांसद श्री हरिवंश जी, पद्मश्री एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखिका श्रीमती उषा किरण खान, आद्री के सदस्य सचिव श्री शैवाल गुप्ता ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति श्री अवधेष नारायण सिंह, विधायक श्री श्याम रजक, विधान पार्षद श्री रामवचन राय, पूर्व विधान पार्षद श्री हरेन्द्र पाण्डेय एवं श्री राजीव रंजन, पटना पुस्तक मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री एच0एन0 गुलाटी, पटना पुस्तक मेला के संस्थापक श्री नरेन्द्र झा, प्रभात प्रकाशन के प्रकाषक श्री पीयूष कुमार, श्री रत्नेष्वर जी, श्री अमरेन्द्र कुमार झा, प्रधान सचिव कला संस्कृति श्री चैतन्य प्रसाद, नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी के कुलपति श्री आर0के0 सिन्हा उर्फ डॉल्फिन मैन सहित पुस्तक मेला के आयोजकगण, अन्य गणमान्य व्यक्ति बड़ी संख्या में छात्र-छात्रायें एवं पुस्तक प्रेमी उपस्थित थे।
ADVERT.