75 दिवसीय ‘सागर स्वच्छता अभियान’ का आज यानि 17 सितंबर अंतर्राष्ट्रीय तटीय स्वच्छता दिवस के अवसर पर समापन हो रहा है। इस अभियान को आजादी के अमृत वर्ष के उपलक्ष्य में 5 जुलाई को शुरू किया गया था। ‘स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर’ एक विशाल जन अभियान, महासागरों के स्वच्छता के प्रति एक जागरूकता अभियान की तरह चलाया गया था। देश के 7500 किलोमीटर लंबी तटरेखा को कचरा मुक्त बनाने के लिए चल रहे इस अभियान में जनता की भागीदारी का भी आवाहन किया गया था और जनभागीदारी का उत्साह देखते ही बनता था।
विभिन्न मंत्रालय और संगठनों ने लिया हिस्सा
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा चलाया जा रही इस अभियान में सरकारी और गैर सरकारी संगठनों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और विभिन्न मंत्रालय भी इस व्यापक जन आंदोलन का हिस्सा बने। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस अभियान को दिशा दी और इसका नेतृत्व किया। मुंबई में कार्यक्रम समापन का नेतृत्व भी स्वयं केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ही करेंगे।
विभिन्न तटों पर विशेष अतिथि करेंगे अभियान की अगुवाई
17 सितंबर को मुंबई के जुहू तट पर डॉ जितेंद्र सिंह अभियान का नेतृत्व करेंगे, जहां महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, सांसद पूनम महाजन, और अन्य प्रसिद्ध हस्तियां तथा गैर सरकारी संगठन अभियान में शामिल होंगे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान विश्व प्रसिद्ध पुरी समुद्र तट पर अभियान की अगुवाई करेंगे, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी चांदीपुर में होंगे। पश्चिम बंगाल के हुगली से सांसद लॉकेट चटर्जी दीघा में होंगी। आरके मिशन प्रमुख दक्षिणी बंगाल के बक्खाली में अभियान का नेतृत्व करेंगे। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल पोरबंदर (माधवपुर) में होंगे, जबकि केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला जाफराबाद, अमरेली में अभियान में शामिल होंगे। इसी तरह, सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन चेन्नई में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होंगे, जबकि मिजोरम के राज्यपाल डॉ के हरि बाबू विजाग तट पर अभियान में शामिल होंगे।
पीएम,मोदी के स्वच्छता दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्ध रहा अभियान
पीएम मोदी के दृष्टिकोण के अनुकूल यह अभियान स्वच्छता को लेकर प्रतिबद्ध रहा है। केन्द्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के तटों को साफ रखने पर जोर दिया है और हाल में मुंबई के जुहू समुद्र तट से कचरा हटाने वाले स्वयंसेवकों की प्रशंसा की है। हजारों की संख्या में लोग सागर सफाई से जुड़ इस अभियान का हिस्सा बन रहे हैं और पूर्ण समर्थन दे रहे हैं।अभियान से जोड़ने के उद्देश्य से बनाए गए ऐप इकोमित्रम पर 50,000 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है।
2030 तक 30% प्लास्टिक कचरा कम करने का लक्ष्य
डा एम रविचंद्रन जो कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव हैं उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव को चिन्हित करते हुए जो यह विशेष आयोजन है उसका उद्देश्य सागर की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए जन भागीदारी सुनिश्चित करना है। साथ ही उन्होंने बताया कि 2030 तक समुद्र के प्लास्टिक कचरे में 30% कटौती का लक्ष्य रखा गया है जिसमें अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सफल रहा जनअभियान
जनभागीदारी का यह उद्देश्य सफल होता दिखाई दे रहा है। अभियान में प्लास्टिक कचरे का पुनर्चक्रण करने के लिए पृथक्करण भी किया जा रहा है इस पुनर्चक्रण के लिए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन द्वारा पहल की गई है। तटीय स्वच्छता का यह ‘सफल जन अभियान’ आज समापन की ओर है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग से सम्बद्ध संस्था विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ नकुल पाराशर ने बताया कि इस अभियान में मुख्य रूप से समुद्री कचरे को कम करने, प्लास्टिक के न्यूनतम उपयोग, स्रोत स्थानों पर कचरे का अलगाव, और अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान देने के साथ वास्तविक और वर्चुअल दोनों तरह से बड़े पैमाने पर सार्वजनिक भागीदारी देखने को मिली है। उन्होंने बताया कि आम लोगों की भागीदारी न केवल तटीय क्षेत्रों, बल्कि देश के अन्य हिस्सों की समृद्धि के लिए भी ‘स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर’ का संदेश देने में सफल रही है।