पटना। केंद्र सरकार द्वारा भारतीय सेना अग्निपथ योजना की घोषणा 14 जून को की गई थी। जिसकी भर्ती प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हुई है। अग्निपथ योजना के तहत युवा 4 साल के लिए ही सेना में भर्ती हो सकेंगे।
सेना में चार साल की नौकरी के बाद युवाओं का भविष्य अधर में लटक जाएगा। सेना में संविदा बहाली के विरोध में देश भर के अभ्यर्थियों में डर का माहौल बना हुआ है और वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। पूरे देश में इसका विरोध हो रहा है। सबसे ज्यादा विरोध बिहार में हो रहा है क्योंकि सबसे ज्यादा बेरोजगारी वहीं है। इतना ही नहीं बिहार में किसानों की आय भी भारत में सबसे कम है। बिहार में अस्थिरता का माहौल है।
इन कारणों से राजद ने अग्निपथ योजना को लेकर बिहार बंद का समर्थन किया और राजभवन तक मार्च कर राज्यपाल को इस योजना को वापस लेने को लेकर ज्ञापन सौंपा। वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह व अन्य नेताओं ने भी अग्निपथ योजना को वापस लेने की बात कर रहे हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्विट कर बताया कि प्रधानमंत्री से उनकी बात राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हुई है। नीतीश कुमार बिहार के नौजवानों और जनता को यह बताएं कि क्या मुख्यमंत्री ने अग्निपथ योजना के बारे में पुनर्विचार करने को लेकर प्रधानमंत्री से बातचीत की है या फि र नौजवानों और आम जनता को हमेशा की तरह दिग्भ्रमित ही करते रहेंगे।