अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट
खगड़िया.आपने कई स्पेशल ट्रेनों का नाम सुना और सफर किया होगा, लेकिन इन सबसे अलग एक ट्रेन समस्तीपुर से सहरसा जाती है। इसका नाम स्थानीय लोग घास स्पेशल ट्रेन रखा है। इस ट्रेन पर दूर-दूर से लोग घास काटकर लाते हैं। जिससे ट्रेन में बैठने वाले यात्रियों को काफी परेशानी होती है। दूर-दूर से घास लाते हैं लोग…
– बाढ़ के कारण बिहार सुपौल, समस्तीपुर,खगड़िया के लोग परेशान रहते हैं।
-निचले इलाके में बाढ़ का पानी घुस जाता है। जिससे कारण मवेशी रखने वालों लोगों के लिए चारा की सबसे से अधिक परेशानी होने लगती है।
– जिससे के कारण लोग ट्रेन से घास लाने के लिए दूसरे जगह जाते हैं। फिर वहां से घास काटकर ट्रेन के अंदर,गेट और खिड़की पर लटकाकर लाते हैं।
– ट्रेन में घास लाने के कारण ट्रेन में सफर करने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
– बाढ़ पीड़ितों की परेशानी को देखते हुए रेलवे की और से रोका नहीं जाता है।
– पशुपालक दिनेश कुमार ने कहा कि यदि सरकार कोई व्यवस्था करती तो हमलोगों को इतनी परेशानी उठानी नहीं पड़ती।
– पशुपालकों की संख्या अधिक और ट्रेनों की संख्या कम होने के कारण पशुपालक ट्रेन के खिड़की और गेट पर घास रख देते हैं जिसके कारण ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को परेशानी होती हैं।
बाढ़ से परेशान हैं लोग
– खगड़िया स्टेशन मास्टर प्रवीण कुमार ने कहा कि बाढ़ के समय कोशी क्षेत्र के पशुपालकों को काफी परेशानी होती है।
– पशुचारा लाने के लिए ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यात्रियों को कोई परेशानी नहीं हो इसको लेकर आरपीएफ को भी दिशा निर्देश दिया गया है।
– धमहारा, बदलाघाट के साथ साथ सहरसा के सीमावर्ती क्षेत्र के पशुपालकों को आने जाने के लिए ट्रेन ही एक आवागमन का साधन है जिसके कारण पशुपालक ट्रेन के सहारे ही पशुचारा लाने को विवश है।
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