प्रखंड से लेकर नगर निगम तक जुड़े हैं दलालों के तार

पटना। जन्म, मृत्यु, आवास तथा आय प्रमाण पत्र को अवैध तरीके से बनाने का भंडाफोड़ होने के बाद अब यह खुलासा हुआ है कि इस काम में लगे दलालों का संपर्क प्रखंड और नगर निगम कार्यालय के कर्मचारियों से था। उनकी मिलीभगत से ही दलाल प्रमाणपत्र बनवाते थे। लोगों से ली गई रकम का 40 प्रतिशत हिस्सा कर्मचारियों को देते थे जबकि यह प्रमाणपत्र राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क बनवाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। सोमवार को जिला नियंत्रण कक्ष के प्रभारी दंडाधिकारी सुधीर कुमार द्वारा की गयी छापेमारी के बाद जब पकड़े गए लोगों से पूछताछ की गयी तो खुलासा किया कि लोगों से पैसा लेने के बाद वे प्रखंड कार्यालय के कर्मचारियों से संपर्क करते हैं। एक दिन में ही आवेदन का सत्यापन कराकर नगर निगम में भिजवा देते हैं। वहां भी इनके कर्मचारी हैं जो इस काम को बगैर छानबीन किए प्रमाण पत्र जारी कर देते हैं। एक आवेदन पर दलाल 1200 रुपए लेते थे जिसमें 450 से 500 रुपये तक प्रखंड और नगर निगम के कर्मचारियों को दे देते हैं। शेष 60 प्रतिशत हिस्सा अपने पास रखते थे। लोगों को तीन दिन के अंदर जन्म प्रमाण पत्र बना कर दे दिया जाता था। जिला प्रशासन के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि छापेमारी में जब वसुधा केंद्र से भागलपुर के लोगों के नाम से दो जन्म प्रमाणपत्र मिला तो इसका भी सत्यापन किया जा रहा है। अधिकारियों को आशंका है कि यह प्रमाण पत्र फर्जी है। कुछ और प्रमाणपत्र मिले हैं जिसे फ र्जी होने की आशंका है। इसका सत्यापन किया जा रहा है।  वसुधा केंद्र से बरामद आधा दर्जन प्रमाण पत्र का सत्यापन होने के बाद कुछ और खुलासे हो सकते हैं।

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