27 अक्तूबर : आजादी के बाद आज ही के दिन कश्मीर घाटी में हुए पहले हमले को सैनिकों ने कर दिया था नाकाम

भारतीय सैन्य इतिहास के पन्नों को पलटकर देखें तो उसमें कई ऐसे पुराने वाकये दर्ज हैं, जिन्हें याद कर आप भी गौरवान्वित महसूस करेंगे। जी हां आज 27 अक्टूबर का दिन भी उन्हीं खास दिनों में से एक हैं। दरअसल, आजादी के बाद इसी दिन कश्मीर घाटी में हुए पहले हमले को भारतीय सेना के सैनिकों ने नाकाम कर दिया था। इसी के उपलक्ष्य में भारतीय सेना आज 75वां इंफैन्ट्री दिवस मना रही है।

कश्मीर घाटी में 27 अक्टूबर, 1947 को भारतीय क्षेत्र में हुए था पहला हमला

जी हां, कहा जाता है कि औरंगजेब की ही तरह हिंदुस्तान पर कब्जा करने की कोशिश 74 वर्ष पहले पाकिस्तान ने भी की थी। उस दौरान कश्मीर घाटी में ’27 अक्टूबर, 1947′ को भारतीय क्षेत्र में हुए पहले हमले को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था। स्वतंत्र भारत में यह पहली घटना थी जब सिख रेजीमेंट के पहले बटालियन के सैनिकों ने इस जीत को अंजाम दिया था। इसी दिन के स्मरण में यह दिवस मनाया जाता है।

सैनिकों के अमूल्य योगदान को किया स्वीकार

इन्फैन्ट्री के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल ए. के. सामंतारा ने आकाशवाणी को दिए अपने संदेश में कठिन स्थितियों में इन्फेन्ट्री के सैनिकों को अपनी कर्तव्य परायणता के प्रति निस्वार्थ समर्पण के लिए बधाई दी है। उन्होंने शत्रुतापूर्ण गतिविधियों को नाकाम करने में इन सैनिकों के अमूल्य योगदान को स्वीकार किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैनिकों को दी शुभकामनाएं

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इन्फेंट्री दिवस के अवसर पर देश के वीर पैदल सैनिकों को शुभकामनाएं दी हैं। एक ट्वीट में रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे पैदल सेनानी अदम्य साहस और शौर्य के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र उनकी सेवा और बलिदान को नमन करता है।

75वें इन्फेंट्री दिवस के अवसर पर रक्षा प्रमुख बिपिन रावत और सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने नई दिल्‍ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्प चक्र चढ़ाया और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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