स्लॉट बुकिंग की अनिवार्यता हटते ही टीकाकरण के लिए उमड़ी युवाओं की भीड़

जैसे ही केंद्र सरकार ने स्लॉट बुकिंग की बाध्यता समाप्त की वैसे ही टीकाकरण के लिए युवाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। युवाओं ने सुबह से ही कोरोना नियम का पालन करते हुए लम्बी लाइन लगा दी। ये तस्वीरें हैं केंद्रीय विद्यालय कंकड़बाग की। सुबह के ग्यारह बजे हैं। यहां 18 से 44 वर्ष के साथ साथ 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को भी टीका लगाया जा रहा है।

ध्यान रहे कि गत सोमवार को केंद्र सरकार ने टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के बाद स्लॉट बुकिंग की अनिवार्यता को हटा दिया था क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार स्लॉट बुकिंग कराए हुए लोग के अनुपस्थित रहने पर टीके के डोज बर्बाद हो रहे थे। परिणाम हुआ कि टीका की उम्मीद मे बैठी युवा शक्ति जो स्लॉट बुकिंग के कारण टीकों से वंचित हो रही थी ने तुरंत अपना मुंह टीका केंद्रों की ओर मोड़ दिया।

 

युवाओं के साथ साथ युवतियों ने भी अपनी उपस्थित दर्ज कराई। परंतु अभी तक सरकार द्वारा टीकाकरण केंद्रों को इस बाबत आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है। फलस्वरूप उनका प्रवेश वर्जित कर दिया गया। इससे लोगों को काफी परेशानी हुई। टीका केन्द्र के कर्मचारियों ने बताया कि अभी तक स्लॉट बुकिंग का ही नियम है।

 

बिना स्लॉट बुकिंग के कंप्यूटर में आंकड़ा फ़ीड ही नहीं हो पाएगा। बिना स्लॉट बुकिंग के पहुंचे लोगों में अच्छी खासी नाराज़गी दिखी। मछुआटोली निवासी 23 वर्षीय इशिता श्रेया ने अपनी स्लॉट बुक करा रखी थी, बावजूद लाइन में खड़ी थी और टीका लगाने के लिए खासी उत्साहित थीं। उन्होंने बताया कि यहां की व्यवस्था दुरुस्त है। जगह काफी है और साफ सफाई होने के कारण संक्रमण का खतरा कम है।

 

इसके पहले उसने अपना स्लॉट 23 मई को अदालतगंज, कमला नेहरू नगर में बुक कराया था। परंतु सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक टिकाकर्मी पहुंचे ही नहीं थे और गंदगी बहुत ज्यादा होने के कारण लौटना पड़ा था। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जोर देकर कहा था कि टीकाकरण केंद्र ऐसा नहीं हो कि लोग टीकाकरण केंद्रों पर संक्रमित हो जाएं।

केंद्रीय विद्यालय में 18 से 44 वर्ष तक के लोगों को कोविशील्ड और 45 से ऊपर के लोगों को आवश्यकतानुसार कोविशील्ड तथा कोवैक्सीन दोनों टीके लगाए जा रहे हैं। कमोबेश यही हाल रहा गार्डिनर अस्पताल का। वहां 45 से ऊपर के लोगों को टीका दिया जा रहा है।

टीकाकर्मी हरेराम कुमार ने बताया कि आज अन्य दिनों की तुलना में लोग ज्यादा हैं। पटना विमेंस कॉलेज, एस के मेमोरियल इत्यादि सेंटरों पर भी बिना स्लॉट बुकिंग के आए लोगों को प्रवेश नहीं मिला। लगभग सभी टीका केंद्रो पर 18 से 44 वर्ष वर्ग के लोगों में टीका लगवाने का भरपूर उत्साह देखने को मिला। 45 वर्ष से अधिक वर्ग के लोगों के लिए पहले से स्लॉट बुकिंग आवश्यक नहीं है। इस वर्ग के लोग अपना आधिकारिक पहचान पत्र एवं मोबाइल नंबर दर्ज करवाकर किसी भी टीकाकरण केन्द्र पर टीका लगवा सकते हैं।

टीकाकरण की यही रफ्तार रही और पर्याप्त मात्रा में टीका के डोज उपलब्ध होते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब हम कोरोना जैसे खतरनाक बीमारी से भारत को महफूज़ कर सकेंगे।

पटना से रेस मीडिया के लिए सुजीत कुमार की रिर्पोट

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