गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल का 92 साल की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया। गुरुवार को सांस लेने में दिक्कतों के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ समय पहले उन्हें कोरोना भी हुआ था, लेकिन रिकवर हो गए थे। 92 वर्षीय पटेल ने साल 2014 में राजनीति से संन्यास की घोषणा की थी। 30 सितंबर को ही सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के दोबारा अध्यक्ष चुने गए थे।
केशुभाई 2 बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे थे। लेकिन कभी अपना कार्यकाल नहीं पूरा कर पाए थे। साल 2001 में उनकी जगह नरेंद्र मोदी ने सीएम पद की शपथ ली थी। मोदी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु भी मानते हैं।
राजनीतिक सफर
1960 के दशक में केशुभाई पटेल ने जनसंघ कार्यकर्ता के रूप में शुरुआत की थी। वह इसके संस्थापक सदस्यों में शामिल थे। साल 1975 में जनसंघ-कांग्रेस ओ की गठबंधन वाली सरकार चुनी गई थी। इमरजेंसी के बाद लोकसभा पहुंचे पटेल ने इस्तीफा देकर साल 1978 से 1980 तक बाबूभाई पटेल की सरकार में कृषि मंत्री थे। 1979 में मच्छू बांध दुर्घटना, जिसने मोरबी को तबाह कर दिया था, के बाद उन्हें राहत कार्य में शामिल किया गया था।
साल 1978 और 1995 के बीच कलावाड़, गोंडल और विशावादार से विधानसभा चुनाव जीतने वाले पटेल साल 1980 में भाजपा के आयोजक बने थे। गुजरात में 1995 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को उनकी अगुवाई में जीत मिली थी।