बिहार में पहली बार प्रतिदिन कोरोना जाॅच की संख्या 50 हजार के पार पहुॅचा, पिछले 24 घंटे में राज्य में 51,924 सैम्पल्स की हुई जांच

पटना, 05 अगस्त 2020:- वीडियो कॉंन्फ्रेसिंग के माध्यम से मीडिया के साथ संवाद। सचिव सूचना एवं जन सम्पर्क अनुपम कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार, सचिव पशु एवं मत्स्य संसाधन एन0 सरवन कुमार, अपर सचिव आपदा प्रबंधन रामचंद्र डू एवं जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी, बाढ़ अनुश्रवण सेल ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं विभिन्न नदियों के जलस्तर को लेकर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी।

सचिव, सूचना एवं जन-सम्पर्क अनुपम कुमार ने बताया कि कोविड-19 एवं बाढ़ की वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए सरकार द्वारा पूरी तत्परता के साथ सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। आज मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित दरभंगा एवं गोपालगंज का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दरभंगा में आपदा राहत केंद्र सह कम्युनिटी किचेन (हाई स्कूल मखनाही) का निरीक्षण कर लोगों से बात भी की। सचिव सूचना ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने आज एक माईल स्टोन प्राप्त कर पहली बार प्रतिदिन कोरोना जाॅच की संख्या 50 हजार के पार पहुॅचाया है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में बिहार राज्य में 51,924 सैम्पल्स की जांच की गयी है और अब तक की गयी कुल जांच की संख्या 7,39,078 है। पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 2,701 पॉजिटिव मामले सामने आये हैं। वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 21,992 एक्टिव मरीज हैं। कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 1,610 लोग स्वस्थ हुए हैं और अब तक 42,370 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं। बिहार का रिकवरी रेट 65.45 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से जांच की संख्या बढ़ने से पॉजिटिव केसेज बढ़े हैं लेकिन जब स्वस्थ होकर लोग डिस्चार्ज होने लगेंगे तो रिकवरी रेट में वृद्धि होगी।

1 अगस्त से अब तक 19 कांड दर्ज किये गये हैं और 24 व्यक्तियों की हुई गिरफ्तारी 

अनुपम कुमार ने बताया कि गैर राशन कार्डधारी सुयोग्य परिवारों के लिए 23 लाख 38 हजार 990 नये राशन कार्ड बने हैं। इनमें से अब तक 22 लाख 90 हजार 903 राशन कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। इस प्रकार करीब 98 प्रतिशत राशन कार्डों का वितरण किया जा चुका है। राशन कार्ड विहीन परिवारों को इससे काफी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि रोजगार सृजन पर भी सरकार का पूरा ध्यान है और लॉकडाउन पीरियड से लेकर अभी तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 12 करोड़ 60 लाख से अधिक मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है।
अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा 1 अगस्त से लागू अनलॉक-3 के तहत जारी गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है। पिछले 24 घंटे में 02 कांड दर्ज किये गये हैं और 03 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। इस दौरान 639 वाहन जब्त किये गये हैं और 16 लाख 86 हजार 170 रूपये की राशि जुर्माने के रुप में वसूल की गई है। इस प्रकार 1 अगस्त से अब तक 19 कांड दर्ज किये गये हैं और 24 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। कुल 3,107 वाहन जब्त किए गए हैं और 77 लाख 32 हजार 470 रुपए की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने वाले लोगों पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 4,983 व्यक्तियों से 02 लाख 49 हजार 150 रूपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। इस प्रकार 01 अगस्त से अब तक मास्क नहीं पहनने वाले 24,102 व्यक्तियों से 12 लाख 05 हजार 100 रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गयी है। कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नये दिशा-निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं।

आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहने के कारण राज्य सरकार ने बच्चों को घर पर सुधा दूध पाउडर पहुंचाने का लिया निर्णय 

सचिव पशु एवं मत्स्य संसाधन एन0 सरवन कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान अफवाह फैल गई थी कि मीट, मछली और चिकेन खाने से कोरोना फैलता है। इसके कारण मत्स्य पालकों और पशुपालकों को आर्थिक नुकसान होने का अंदेशा था, जिसको लेकर विभाग ने विभिन्न माध्यमों से इस अफवाह को दूर करने का कार्य किया। लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को मदद करने को लेकर 552 मत्स्य पालन हेतु तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया। इससे 1 लाख 28 हजार मानव दिवसों का सृजन किया गया। उन्होंने बताया कि कम्फेड के माध्यम से लॉकडाउन के पहले लगभग 20 लाख लीटर दूध का संग्रहण और 16 लाख लीटर दूध का विपणन होता था। लॉकडाउन के दौरान आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहने के कारण राज्य सरकार ने बच्चों को घर पर सुधा दूध पाउडर पहुंचाने का निर्णय लिया। आई0सी0डी0एस0 के हर बच्चे को हर महीने 200 ग्राम पोषक सुधा पाउडर का एक पैकेट दिया गया है। इस दौरान लगभग 2100 मीट्रिक टन दूध पाउडर आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों को घर-घर पहुंचाया गया। इसकी लागत 70 करोड़ से ज्यादा है।

पशुपालक और मत्स्य पालकों के नुकसान कि की जायेगी भरपाई

एन0 सरवन कुमार ने बताया कि कोविड से पीड़ित मजदूरों को मदद करने को लेकर कुछ योजनाएं भी विभाग के द्वारा शुरु की गई है। जीविका के माध्यम से चूजा और बकरी वितरण का कार्य किया जा रहा है। 1 लाख से ज्यादा ग्रामीण परिवारों के बीच काम किया जा रहा है। निःशुल्क रुप से बकरी वितरण और अनुदानित दर पर चूजा वितरण का कार्य बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसके अलावा दूध देने वाले पशुओं के वितरण का कार्य लगभग 6 हजार परिवारों के बीच शुरु किया गया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में पशु और मत्स्य का काफी नुकसान देखा जा रहा है। अभी तक की जानकारी के अनुसार जिलों में 51 जगहों पर पशु शिविर कार्यरत है। कई जगहों पर बाढ़ से प्रभावित पशुओं का इलाज और पशुचारे का वितरण कराया जा रहा है। 192 डॉक्टर और 300 से ज्यादा कर्मी राहत कार्य में लगे हैं। अभी तक लगभग 1231 क्विंटल पशु चारे का वितरण किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विशेष निर्देश पर पशु क्षति की नुकसान भरपाई को लेकर तेजी से काम चल रहा है। अभी तक 7 जिलों से 47 पशुओं के मौत की सूचना है। 6 पशुओं की नुकसान भरपाई की जा चुकी है। शेष मामलों में काफी तेजी से काम चल रहा है। लगभग 2.5 हजार हेक्टेयर में मत्स्य पालन तालाब और 800 हेक्टेयर में हेचरीज की क्षति होने की सूचना है। आपदा प्रबंधन के प्रावधान के तहत इसकी भी नुकसान भरपाई की जायेगी। आपदा की स्थिति में पशुपालक और मत्स्य पालकों के नुकसान की भरपाई को लेकर त्वरित सर्वे करने का काम चल रहा है।

राज्य में विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध है सुरक्षित 

जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी, बाढ़ अनुश्रवण सेल ने राज्य की विभिन्न नदियों के जलस्तर एवं बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोशी नदी में अभी डिस्चार्ज 1,64,335 क्यूसेक है और जलश्राव की स्थिति स्थिर हैद्य गंडक नदी का डिस्चार्ज 1,44,800 क्यूसेक है, किन्तु इसकी प्रवृति बढ़ने की है। सोन नदी में डिस्चार्ज मात्र 11,304 क्यूसेक है। बागमती नदी का जलस्तर ढेंग और सोनाखान में फॉलिंग टेंडेंसी है लेकिन डूब्बाधार, कनसार और कटौंझा में इसकी बढ़ने की प्रवृति है। बेनीबाद और हायाघाट में जलस्तर स्टैटिक या फॉलिंग ट्रेंड में है, जबकि अन्य जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर प्रवाहित हो रही है। बूढ़ी गंडक के जलस्तर में सभी जगहों पर कमी हो रही है। गंगा नदी में गाँधी घाट और हाथीदह में जलस्तर बढ़ने की प्रवृत्ति है और अन्य स्थलों पर जलस्तर स्थिर है। गंगा का जलस्तर कहलगाँव में खतरे के निशान से 03 सेंटीमीटर ऊपर है। महानंदा में जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है और इसमें फॉलिंग टेंडेंसी है। पूर्वानुमान के मुताबिक कल नेपाल में और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में लाइट टू मोडरेट बर्षापात होने की संभावना है। नेपाल में महानंदा के जलग्रहण क्षेत्र में हेवी रेनफॉल की संभावना व्यक्त की गयी है। 7 और 8 तारीख को भी लाइट टू मोडरेट वर्षापात होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि बिहार राज्य में विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध सुरक्षित है। सतत निगरानी एवं चैकसी बरती जा रही है।

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 16 जिले के कुल 121 प्रखंडों की 1,165 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहाँ आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। गोपालगंज में 02, खगड़िया में 01 और समस्तीपुर में 05 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इन सभी 08 राहत शिविरों में कुल 12,202 लोग आवासित हैं। उन्होंने बताया कि 1,379 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 9,97,779 लोग भोजन कर रहे हैं। सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एन0डी0आर0एफ0 और एस0डी0आर0एफ0 की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं और अब तक प्रभावित इलाकों से एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 और बोट्स के माध्यम से करीब 4,80,884 लोगों को निष्क्रमित किया गया गया। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को ग्रेच्युट्स रिलीफ के अंतर्गत 6,000 रूपये की राशि दी जाती है और अभी तक 03 लाख 75 हजार 547 परिवारों के बैंक खाते में कुल 225 करोड़ रूपये जी0आर0 की राशि भेजी जा चुकी है। ऐसे परिवारों को एस0एम0एस0 के माध्यम से सूचित भी किया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *