कमल की कलम से – चलिए दिल्ली के “दिल्ली गेट” की सैर को

हेमेंदु कमल

आज आपको हम दिल्ली का दिल्ली गेट ले चलते हैं।
ज्यादातर लोग दिल्ली गेट मतलब फिरोजशाह कोटला या मौलाना आजाद मेडिकल के पास स्थित उस दरवाजे को समझते हैं जो सड़क के बीचों बीच बना है।बहुत कम लोग ये जानते हैं कि दिल्ली देहात का प्रवेश द्वार कहलानेवाले नजफगढ़ में भी दिल्ली गेट है।बताया जाता है कि किसी जमाने में नजफगढ़ चारों तरफ ऊंची दीवारों से घिरा क़िलाबन्द शहर था। जानकार यहाँ तक बताते हैं कि पुरानी दिल्ली के बाद सिर्फ नजफगढ़ ही वो शहर था जो चाहरदीवारी से घिरा हुआ था। बताते हैं कि मुगल काल में दिल्ली शहर को दुश्मनों से बचाने के लिए शहर के बाहरी हिस्से में ये किला बनाया गया था। इस शहर के जिस हिस्से से लोग दिल्ली के लिए निकलते थे वही दिल्ली गेट कहलाता था।

मैं जब वहाँ पहुँचा तो उस जर्जर और उपेक्षित मेहराबदार गेट को देख कर घोर निराशा हुई।गेट के नीचे खड़े होकर लोग निम्बू बेच रहे थे और अंदर पूरा बाजार लगा हुआ था।यदि पहले से पता ना हो तो इसे देख कर समझ पाना मुश्किल होगा कि यह दिल्ली गेट है।
अन्दर जाकर कई लोगों से इसके बारे में पूछा तो कुछ जानकारी मिली।
नजफगढ़ किले के सभी दिशाओं में 4 द्वार थे लेकिन वर्तमान में केवल एक ही बचा है। यह द्वार है दिल्ली गेट जिसे 1790 ईस्वी में बनाया गया था।
दिल्ली गेट पुराने शहर का मुख्य प्रवेश द्वार है जो अब इस क्षेत्र का मुख्य बाजार है और सैकड़ों वर्ष पुराना है।
ऐतिहासिक रूप से नजफगढ़ दिल्ली में शाहजहाबाद (पुरानी दिल्ली, चांदनी चौक क्षेत्र), महरौली आदि के साथ सबसे पुराना शहर है।
यह अंग्रेजों के आने से पहले बहादुर शाह -के साम्राज्य का हिस्सा था और दिल्ली का मुकाबला करता था।
ब्रिटिश सेना और नजफगढ़ के स्वतंत्रता सेनानियों और सिपाही के बीच नजफगढ़ लड़ाई का एक बड़ा युद्ध हुआ।
कई ब्रिटिश जनरलों ने अपने इतिहास की पुस्तकों में नजफगढ़ का उल्लेख किया है।

सबसे अफसोस की बात यह है कि काफी खोजने पर भी भारतीय इतिहास की पुस्तकों में इसका कोई उल्लेख नहीं मिल रहा।
सरकार और पुरातत्व विभाग को इस पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि हमारी धरोहर और इतिहास जीवित रहे।
अगर आप यहाँ जाना चाहें तो बहुत आसान है यहाँ तक पहुंचना। यह ठीक गौशाला के बगल में स्थित है। यहाँ आने के लिए बस भी उपलब्ध है। जो भी बस नजफगढ़ टर्मिनल जाती है वो दिल्ली गेट होकर जाती है।दिल्ली गेट बस स्टैंड भी है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से इसकी दूरी 30 किलोमीटर और एयरपोर्ट से इसकी दूरी 20 किलोमीटर है।
इसका निकटतम मेट्रो स्टेशन द्वारका मोड़ है
जहाँ से 10 रुपये के किराया पर बस और ई रिक्शा उपलब्ध है।
बहुत जल्द नजफगढ़ तक के मेट्रो की शुरुआत होने वाली है।

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