गोपालगंज – निशा हत्याकांड में छिपे हैं कई राज कहीं स्कूल प्रबंधक तो कहीं घर वाले लगा रहे हैं एक दूसरे पर आरोप

अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट 

पत्नी को मारकर भट्ठे में फेंक दिया
गोपालगंज। हज़ारीबाग़ की लड़की निशा जिसकी शादी छपरा के राकेश कुमार से हुई थी को पति ने हत्या कर ईंट भट्ठे में फेंक दिया। निशा दिग्वा दिगौली के एस एस पब्लिक स्कूल में पढ़ाती थी। पति और ससुर की प्रताड़ना के कारण स्कूल होस्टल में ही रहने लगी थी। प्रताड़ना कि सूचना एक माह पहले बैकुंठपुर थाने को दी थी। अभी दो दिन पहले स्कूल प्रबंधन के साथ मिलकर पति -ससुर ने हत्या कर डाली, लाश को भट्ठे में फेंक दिया फिर दूसरे दिन जला दिया।

घटना की प्राथमिकी बैकुण्ठपुर थाने में आज दर्ज कराई गई है।स्कूल प्रबंधन दबंग है पहुँचवाला है इसलिये मामले को दबाने की कोशिश में है। गोपालगंज जिले के बैकुण्ठपुर में हत्या कथा छुपा देने की साजिश रची जा रही है।

 

एसएस पब्लिक में जो निशा सिंह की हत्या हुई थी, उसे छुपा देने के लिए हत्यारे कोई भी हद अभी तक नहीं छोड़े हैं। सबसे सोचने वाली बात यह है कि निशा सिंह की हत्या 9 मई को हुई। 9 मई को ही लाश को छुपा देने के लिये जला दिया गया। लेकिन इसुआपुर के थाना प्रभारी निशा के हत्यारों को गिरफ्तार कर ली। बाकी हत्यारे फरार चल रहे हैं। सोचने वाली बात यह है कि निशा की बेटी काव्या की अभी तक कोई सुराग नहीं मिला। आखिर निशा की बेटी का पता क्यो नही चला क्लीन चिट देने की इतनी जल्दी क्या आ गई प्रशासन को ? जब चार साल की बच्ची इस घटना की चश्मदीद गवाह लापता हैं, तो इससे जुड़े किसी भी व्यक्ति को कैसे छोड़ा जा सकता है ?

चर्चे में है ये सवाल:-

  1. मामला जब संज्ञान में आया तो स्कूल प्रशासन यह कहता है कि शिक्षिका की मृत्यु उसके ससुराल में हुई है, वही शिक्षिका के पति की माने तो स्कूल कैम्प्स में ही शिक्षिका की मृत्यु हो गई थी।
  2. स्कूल प्रशासन के तर्क को हम मानते हैं तो अगर ससुराल में ही मृत्यु हुई तो परिजन उसे दिखाने दिघवा दुबौली के डॉ R P Singh के पास क्यो आते हैं जबकि इसुआपुर में अच्छे अच्छे डॉ मौजूद हैं ?
  3. स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे का तार क्यों टूट गया ? ,अगर टूट गया तो जहाँ आवासीय विद्यालय में बच्चों के सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है तीसरी आँख की चौकसी वहां इतनी कमजोरी एवं गैरजिम्मेदाराना हरकत क्यों?
  4. अभी तक उस चार साल की बच्ची का कोई सुराग नहीं मिल रहा है चूंकि इस पूरे प्रकरण की सबसे मजबूत एवं चश्मदीद गवाह हैं चार साल की वो नन्ही परी , जिसे गयब रखा गया है इसपर प्रशासन के तरफ से भी कुछ ठोस पहल नहीं दिख रहा है जो कि कई बड़े सवालों को जन्म दे रहा है ?
  5. अगर शिक्षिका की मृत्यु स्कूल परिसर में हुई है और स्कूल प्रशासन ने इस बात को अलग तरफ मोड़ा हैं तो प्रथम दृष्टता ये मामला साक्ष्य छुपाने एवं जाँच में व्यवधान उत्पन्न करने का हो जाता है, फिर इसमें क्लीन चिट दे देना भी कई प्रश्नों को एक साथ खड़ा कर दे रहा है।

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