कमल की कलम से – आपको कृषि के किसी भी क्षेत्र से लगाव है तो पूसा के राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र परिसर के राष्ट्रीय कृषि विज्ञान संग्रहालय अवश्य जाएँ

हेमेंदु कमल

यदि आपको कृषि के किसी भी क्षेत्र से लगाव है तो पूसा के राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र परिसर के राष्ट्रीय कृषि विज्ञान संग्रहालय अवश्य जाएँ । यह विश्व का दूसरा और एशिया का सबसे बड़ा संग्रहालय है । यहाँ मानव विज्ञान , जीव विज्ञान , इतिहास , भूगोल के माध्यम से कृषि के विभिन्न चरणों को दर्शाया गया है । यहाँ प्रागैतिहासिक , सिंधुघाटी , वैदिक युग से लेकर सल्तनत , मुगल और ब्रिटिश काल सहित आजाद भारत में कृषि स्वरूप और उसके विकास के बारे में चरणवद्ध तरीके से बताया गया है ।

यहाँ भावी कल्पनाओं के साथ हमारे देश में कृषि में प्रागैतिहासिक काल और वर्तमान समय की स्टेट ऑफ द आर्ट कृषि प्रौद्योगिकियों से संबंधित कृषि प्रगति को दर्शाया गया है। इस म्यूजियम में पंचवर्षीय योजना और हरित क्रांति की कहानी को लोकप्रिय प्रारूप में सहेजा गया है। म्यूजियम में 150 प्रदर्शनियां हैं, जिनका प्रदर्शन 10 प्रमुख भागों में किया गया है। एक एक्यूरियम भी यहाँ प्रदर्शित है।

जैसे कृषि के छह स्तंभ, प्रागैतिहासिक काल में कृषि, सिंधु घाटी सभ्यता, वैदिक एवं वैदिक पश्चात युग, सल्तनत और मुगलकालीन युग वगैरह। इनमें से आप कुछ प्रस्तुत तस्वीरों में देख सकते हैं । सरकारी छुट्टियों के अलावे ये हर दिन खुली रहती है । प्रवेश के लिए 10 रुपये का एक छोटा सा शुल्क लगता है ।

यह दिल्ली के इंद्रपुरी , कृषि कुंज , दशघरवा में स्थित है , जो लोहामंडी से 4 किलोमीटर की दूरी पर है। नई दिल्ली से इसकी दूरी 10 किलोमीटर है । जाने के लिए बस सेवा उपलब्ध है । यहाँ से 522 और 721 नम्बर की बस गुजरती है । अपनी सवारी से जाने पर परिसर में बहुत ही अच्छी भूमिगत पार्किंग की ब्यवस्था है ।

तो देर किस बात कि उठाओ झोला और निकल पड़ो इस तरफ ।

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