कायस्थ महासभा का विवाद पुनः सतह पर, अनूप ने किया रविनन्दन सहाय के वक्तव्य का खंडन

पटना, 19 मार्च 2019
आगामी लोकसभा के चुनावों को लेकर टिकट बंटवारे के पूर्व हीं अखिल भारतीय कायस्थ महासभा का विवाद सतह पर आ गया है। कल रविनन्दन सहाय के द्वारा एक प्रेेेस कान्फ्रेंस के माध्यम से बीजेपी के द्वारा केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को पटना साहिब से टिकट का विरोध किया। वहीं आज अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के एक और गुट के द्वारा रविनन्दन सहाय के वक्तव्य का खंडन किया गया।

सर्वमान्य राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हैं राजीव रंजन प्रसाद

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय सचिव  अनूप कुमार ने दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर में रवि नंदन सहाय के द्वारा खुद को कायस्थ महासभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताए जाने का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के सर्वमान्य राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद हैं। आगामी आहूत लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नकली कायस्थ महासभा के फर्जी राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि नंदन सहाय के द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य से मूल महासभा कोई इत्तेफाक नहीं रखता।

व्यक्ति विशेष के लिए फतवा महासभा जारी नहीं करता है

कायस्थ महासभा मूल रूप से एक सामाजिक संगठन है जो समाज के हितों एवं उसके उत्थान के लिए सदैव प्रयासरत है। जबकि श्री सहाय जैसे लोग नकली संगठन के जरिये धन कुबेरों कि बेलगाम महत्वकांक्षाओ को पूरा करने के लिए समाज के प्रतिभाशाली लोगों के भविष्य से खेलते रहे हैं। महासभा अपने राजनैतिक हितों की रक्षा के लिए राजनीति में कायस्थों की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी की मांग विभिन्न राजनैतिक दलों से करता रहा है, किन्तु व्यक्ति विशेष के लिए कोई फतवा महासभा जारी नहीं करता है।

रवि नंदन सहाय कभी पंचायत का भी चुनाव नहीं लड़े

अनूप कुमार ने कहा कि देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद श्री सहाय द्वारा जातीय आधार पर किसी उम्मीदवार के लिए दबाव बनाने कि चेष्टा से आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है जिसका संज्ञान निर्वाचन आयोग को अविलम्ब लेना चाहिए।
श्री कुमार ने कहा कि लोकतंत्र को फतवाबाज स्वयंभू नेताओं द्वारा कमजोर करने के प्रयत्नों से बचाना अखिल भारतीय कायस्थ महासभा का दायित्व है। श्री रवि नंदन सहाय कभी पंचायत का भी चुनाव नहीं लड़े हैं लेकिन अपने बयान के जरिये वह लाखों कायस्थों के स्वयंभू ठेकेदार बनने कि कोशिश कर रहे हैं जो कि सर्वथा हास्यास्पद है। श्री कुमार ने कहा कि श्री सहाय के खिलाफ भारतीय निर्वाचन आयोग को वह पत्र लिख रहे हैं।

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