रेपो रेट में कटौती की मुख्य वजहें हैं कि महंगाई दर में लगातार गिरावट आ रही है और सितंबर से सब्जियों, फलों के दाम में भारी गिरावट आई है। कच्चे तेल की कीमतों में भारी कमी आई है। सरकार का 4.1 फीसदी वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने का संकल्प है और इसके लिए दरों में कटौती भी जरूरी है। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने एक बार फिर से चौंकाया है। बजट पॉलिसी मीटिंग से पहले आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर दी है। ये कटौती आज से लागू हो गई है। आरबीआई ने रेपो रेट 0.25 फीसदी घटा दिया है और अब रेपो रेट 8 फीसदी से घटकर 7.75 फीसदी हो गई है। हालांकि, सीआरआर, एसएलआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। कच्चे तेल और महंगाई में आ रही कमी को देखते हुए काफी समय से रेट में कटौती की मांग की जा रही थी। रेट कटौती के बाद ईएमआई घटने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। रेपो रेट में कटौती की मुख्य वजहें हैं कि महंगाई दर में लगातार गिरावट आ रही है और सितंबर से सब्जियों, फलों के दाम में भारी गिरावट आई है। कच्चे तेल की कीमतों में भारी कमी आई है। सरकार का 4.1 फीसदी वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने का संकल्प है और इसके लिए दरों में कटौती भी जरूरी है।
रेपो रेट में कटौती, सस्ती होगी ईएमआई
