गौरव और शर्म की दो खबर –

(अनुभव की बात, अनुभव के साथ)

शुक्रवार को दो प्रकार की महत्वपूर्ण खबरें मिली।जहां एक खबर हमें गौरवान्वित करती है तो वहीं दूसरी खबर हमें बेहद शर्मिंदा करती है। गौरवान्वित करने वाली खबर ये कि भारतीय वायु सेना के जांबाज पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान करीब साठ घंटे पाकिस्तान के कब्जे में रहने के बाद अपनी सरजमी पर वापस आ पाए। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी दूसरे देश की ओर से किसी सैन्य अधिकारी को साठ घंटे के अंदर रिहा कर दिया गया।वह भी तब जब हमारा अफसर पाकिस्तान जैसे मुल्क के कब्जे में हो। ऐसे अभिनंदन की रिहाई में जेनेवा संधि सहित विश्व के कई देशों द्वारा पाकिस्तान पर दबाव बनाना महत्वपूर्ण रहा।इसे केंद्र सरकार की कूटनीतिक सफलता कहा जा सकता है।यही वजह रही कि पाकिस्तान दबाव में आ गया।निश्चित रूप से यह हमारे देश के लिए गर्व की बात है।बताते चलें कि अभिनंदन वर्धमान ने कश्मीर में पाक वायु सेना के एक एफ 16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था और पाक वायु सेना के हमले को नाकाम कर दिया था।इसी दौरान उनका विमान पीओके में पहुंचकर क्रैश कर गया। जहां पाकिस्तानी सैनिकों ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया था।

वहीं दूसरी ओर उसी दिन जानकारी मिली कि मुंगेर जिले के लरैयाटाड़ थाना क्षेत्र के सवैया गोपालीचक गांव के कुछ लोगों ने मिलकर दो बुजुर्ग महिलाओं की लाठी डंडे से पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी। मृतका के परिजनों ने बताया कि गांव वालों ने दोनों बुजुर्ग महिलाओं को ‘डायन’ बताकर,घर से खींच कर उनकी हत्या कर दी।एक महिला की उम्र जहां 65 वर्ष थी,वहीं दूसरी महिला 70 वर्ष की थी।हत्यारों ने दोनों शवों को भी उनके परिजनों को नहीं सौंपा और खुद ही जाकर उसे दफना दिया।जानकारी के मुताबिक उसी गांव का तीस वर्षीय मनीष नामक एक युवक पन्द्रह दिनों से बीमार चल रहा था और 24 फरवरी को उसकी मौत हो गई थी।मनीष ऐसी बीमारी से जूझ रहा था जिसे स्थानीय चिकित्सक समझ नहीं पा रहे थे और फिर मनीष के परिजनों को इन दोनों बुजुर्ग महिलाओं पर शक हुआ कि इन दोनों ने ही तांत्रिक शक्ति से मनीष को बीमार कर दिया है।मनीष की मृत्यु के बाद उन लोगों ने दोनों बुजुर्ग महिलाओं की निर्मम हत्या कर दी।यह दो बुजुर्ग महिलाओं की हत्या नहीं है, यह हत्या मानवता के लिए कलंक है। आज के आधुनिक युग में जहां हम चांद और मंगल पर पहुंच रहे हैं,वहीं दूसरी ओर आज भी हमारे यहां के लोग डायन,चुड़ैल,जादू- टोना, झाड़-फूंक जैसी चीजों पर विश्वास करते हैं।निश्चित रूप से मामले के प्रकाश में आने के बाद प्रशासन अपना काम कर रहा है।लेकिन क्या प्रशासन ऐसे मूर्खों को समझा सकता है कि इस तरह की कोई भी चीज धरती पर नहीं होती है।अनपढ़ तो अनपढ़,पढ़े लिखे समाज में भी यह चीजें काफी प्रचलित हैं।समाज के लोग इस तरह के जादू- टोना और झाड़-फूंक पर भरोसा कर रहे हैं।मंदिरों में किसी के ऊपर महारानी आ रही हैं,तो किसी के ऊपर पीर बाबा आते हैं।हद हो गई।यह एक लंबे बहस का विषय है।लेकिन यह जरूरी है कि इनके प्रति लोगों को जागरूक होना होगा।सरकार को इस संबंध में जागरूकता अभियान चलाना होगा।लोगों के बीच भी यह प्रचारित करना होगा कि इस तरह की कोई भी शक्ति इस संसार में नहीं है।लोगों ने इसे धंधा बना लिया है और इसका गलत इस्तेमाल हो रहा है।जब तक लोग जागरूक नहीं होंगे तब तक इसी तरह चुड़ैल और डायन के आरोप में हत्याएं होती रहेगी।

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