मुजफ्फरपुर–बालिका गृह कांड की वजह से बदनामी झेल रहा मुजफ्फरपुर अपराध के मामले में भी में सर्वाधिक चर्चा में है। आपराधिक घटनाओं से आम लोग दहशत में हैं। पुलिस लाचार नजर आती है। रविवार को पूर्व मेयर और उनके ड्राइवर को एके-47 से 50 से अधिक गोलियां मारी गईं। जनवरी से जून तक छह माह के भीतर जिले में दो बैंकों से लूट और 57 लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं। बेलगाम अपराधियों पर नकेल कसने में विफल साबित हो रही पुलिस के खिलाफ लोगों में आक्रोश है। हालांकि एसएसपी हरप्रीत कौर कहती हैं कि बैंक लूट समेत अधिकतर वारदातों में अपराधियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। जेल भेजे गए अपराधियों को स्पीडी ट्रायल से सजा दिलाने की भी कवायद की जा रही।
हर महीने औसतन 10 हत्याएं
जिले में औसतन हर महीने 10 लोगों की हत्याएं हो रहीं। पुलिस विभाग के आंकड़े के अनुसार छह माह के भीतर जिले में विभिन्न थाना क्षेत्रों में 57 लोगों को मौत के घाट उतारा जा चुका है। यानी, हर महीने 10 और हर तीसरे दिन एक व्यक्ति की हत्या। इस दौरान जिले में दो बैंक लूट व एक कैश वैन से लूट की वारदात हो चुकी है
साहेबगंज में कैश वैन लूट के दौरान अपराधियों ने गार्ड की हत्या कर दी थी। कुढऩी थाना क्षेत्र में एक महीने के अंतराल में दिनदहाड़े दो बैंकों की लूट की वारदात ने पूरे पुलिस महकमे में खलबली मचा दी। पुलिस की तरफ से अपराधियों की गिरफ्तारी का दावा किया गया। लेकिन, अभी भी कई अपराधी गिरफ्त से दूर हैं।