आज केंद्रीय कानून और आई० टी० मंत्री के नेतृत्व में भारत के अग्रणी HDFC बैंक ने कॉमन सर्विस सेण्टर के साथ एक अहम करार किया है। इसके तहत अब देश के सभी तीन लाख कॉमन सर्विस सेंटर HDFC बैंक के बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट बन पाएंगे। इस करार से अब गांव गांव तक बैंक के सेवा पहुँचाने के भारत सरकार के प्रयासों को बल मिला है। अब गरीबों को मनरेगा या पेंशन के पैसे निकलने के लिए या अपने खाते में नगद जमा या निकासी जैसे काम के लिए बैंक की शाखा तक नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें ये सुविधा कॉमन सर्विस सेण्टर पर ही मिल पायेगी। साथ ही गांव के लोग बैंक से कर्ज लेने के लिए भी अपना आवेदन कॉमन सर्विस सेण्टर पर ही दे पाएंगे। इस सुविधा के शुरू होने से कॉमन सर्विस सेण्टर चलने वाले तीन लाख ग्रामीण उद्यमियों को भी लाभ मिलेगा।
साथ ही HDFC बैंक ने कॉमन सर्विस सेण्टर के साथ मिल कर देश के एक हज़ार गांवों को डिजिटल गॉंव बनाने का भी आश्वासन मंत्री रविशंकर प्रसाद को दिया है। इन प्रयासों से अब गांव भी डिजिटल होंगे।
HDFC बैंक ने ग्रामीण क्षेत्रों के महिलाओं को सस्ते सैनिटरी पैड देने के लिए कॉमन सर्विस सेण्टर द्वारा शुरू किये गए स्त्री स्वाभिमान प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए भी पचास लाख रुपयों का योगदान दिया है। कॉमन सर्विस सेण्टर अब तक 207 सैनिटरी पैड बनाने वाली इकाईयां प्रारम्भ कर चुका है जिसके द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में न सिर्फ महिलाओं को रोजगार मिला है बल्कि सस्ते दर पर सैनिटरी पैड भी उपलब्ध कराये गए है। मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कॉमन सर्विस सेण्टर को देश के सभी ब्लॉक में एक सैनिटरी पैड बनाने की इकाई प्रारम्भ करने का लक्ष्य रखा है।
इस करार से उत्साहित सीएससी बिहार के प्रमुख संतोष तिवारी, राज्य परियोजना प्रबन्धक मुदित मणि एवं बिहार के सीएससी संचालकों ने केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को धन्यवाद दिया है।