स्टॉफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) परीक्षाओं में धांधली को लेकर छात्रों का प्रदर्शन लगातार 13वां दिन भी जारी है. दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में प्रर्दशन कर रहे छात्रों का साथ अब उनके परिजनों का भी मिलना शुरू हो गया है. दिल्ली स्थित एसएससी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों की माताओं ने भी अब धरनास्थल पर पहुंच कर छात्रों का हौसला अफजाई करना शुरू कर दिया है. प्रदर्शनकारी छात्र एसएससी बोर्ड द्वारा आयोजित सभी परीक्षाओं की सीबीआई जांच की मांग पर अड़े हैं. प्रदर्शनकारी छात्रों ने रविवार को एसएससी की तेरहवीं मनाते हुए शोक सभा का आयोजन किया. प्रदर्शनकारी छात्रों ने पूरे विधि-विधान के साथ एसएससी की तेरहवीं मनाई. सरकारी नौकरियों में हो रही धांधली और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों का कहना है कि जिस उद्देश्य से एसएससी का गठन हुआ था उसमें ये संस्थान विफल रही है. एक संस्थान के तौर पर एसएससी अब खत्म हो चुकी है, इसकी मौत हो गई है जिसका देश के युवाओं को अत्यंत दुख है. आपको बता दें कि पिछले 13 दिनों से कठिन परिस्थितियों में दिन रात सड़क पर बैठे छात्रों की मांग अब तक नहीं मानी गई है. इतना ही नहीं आंदोलन को कमजोर और छात्रों को भ्रमित करने के लिए तिकड़मबाजी और अफवाह भी फैलाई जा रही है. लेकिन, छात्र अपनी दो मुख्य मांगों को लेकर लगातार सीजीओ कॉम्प्लेक्स में डटे हुए हैं. छात्रों की दो प्रमुख मांगें हैं. पहला, एसएससी द्वारा आयोजित सभी परीक्षाओं की समयबद्ध तरीके से निष्पक्ष सीबीआई जांच करवाई जाए और दूसरी जब तक कि जांच न हो, वर्तमान में चल रही एसएससी की सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया जाए. सीजीओ कॉम्प्लेक्स के बाहर प्रदर्शन कर रहे एक छात्र की मां ने फर्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहती हैं, ‘मैं शनिवार को ही मध्यप्रदेश से आई हूं. मेरा बेटा पिछले चार सालों से एसएससी परीक्षा की तैयारी कर रहा है. मुझको लगता था कि मेरा बेटा ठीक से तैयारी नहीं कर रहा है इसलिए उसका चयन नहीं हो पा रहा है, लेकिन पिछले कई दिनों से टीवी पर खबर देख कर मुझको लगने लगा है कि मेरे बेटे की मेहनत में कोई कमी नहीं है. कुछ धांधलीबाज और एसएससी के अंदर बैठे कुछ लोगों के कारण मेरा बेटे का करियर फंस गया है. जब बेटा कड़ी धूप में सड़क पर बैठा हो तो ऐसे में मां का दिल घर पर कैसे लग सकता है?’ दूसरी तरफ प्रदर्शनकारी छात्रों का राजनीतिक दलों का समर्थन भी अब मिलना शुरू हो गया है. स्वराज इंडिया पार्टी ने सवाल उठाया है कि दुनिया के सबसे युवा देश के प्रधानमंत्री ने देश के भविष्य से संबंधित इस आंदोलन पर अब तक एक शब्द भी क्यूं नहीं बोला है और 13 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार का कोई प्रतिनिधि छात्रों से मिलने सीजीओ कॉम्प्लेक्स क्यूं नहीं पहुंचा है? क्या सरकार युवाओं के भविष्य और राष्ट्रनिर्माण को लेकर इतनी उदासीन है? स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि प्रदर्शनकारी छात्र कई सबूत सामने रख रहे हैं. 21 फरवरी को जिस लीक हुए पेपर के स्क्रीनशॉट वायरल हुए थे, उसमें स्क्रीन शेयर सॉफ्टवेयर के आइकन दिख रहे हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि ऑन लाइन एग्जाम में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है. एक ही कैंडिडेट के नाम पर एक ही सेंटर के 700 एडमिड कार्ड कैसे जारी हुए हैं? गौरतलब है कि छात्रों का यह आंदोलन धीरे-धीरे राष्ट्रव्यापी रूप धारण कर रहा है. देशभर के कई शहरों में सरकारी नौकरी में हो रही धांधली और भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं ने मोर्चा संभाल लिया है.
Related Posts
“सांसद आपके द्वार” के कार्यक्रम के अन्तर्गत भागलपुर सासंद पहुचे वरिष्ठ पत्रकार आनन्द कौशल के आवास
रविवार को भागलपुर के सांसद अजय कुमार मंडल वरिष्ठ पत्रकार आनंद कौशल के सुर्खिकल आवास पर पहुँचे। गौरतलब है कि…
लाठीचार्ज पर तेज प्रताप यादव ने क्या कहा
तेज प्रताप यादव ने ट्वीट किया- बढ़ती हुई बेरोजगारी के विरुद्ध, सत्ता के क्रूर रवैये के विरुद्ध हम शांति प्रदर्शन…
भारतीय एथलीटों के समग्र विकास और भारत के ओलंपिक आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के साथ हाथ मिलाया
नीता एम अंबानी: “दुनिया भर में एथलेटिक्स सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है और इस एसोसिएशन का उद्देश्य लड़कियों…