पटना। निगमकर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल 8वें दिन भी जारी रहा। पटना उच्च न्यायालय द्वारा निगमकर्मियों की हड़ताल से संबंधित निर्देश भी दिए गए लेकिन यूनियन के अधिकारियों ने कहा कि हम न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं। न्यायालय के आदेश की एक प्रति मेरे पास भी आए तथा उसकी एक प्रति सरकार के पास भी जाए। सरकार को नोटिस जारी कर उससे भी जबाव मांगा गया है।
न्यायालय के आदेश के अध्ययन के बाद ही हड़ताली कर्मचारी काम पर वापस लौटेंगे। बिहार लोकल बॉडीज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह, महामंत्री अमृत प्रसाद एवं श्यामलाल प्रसाद ने कहा कि सरकार के साथ हुई वार्ता के बाद भी कोई निर्णय नहीं निकल सका। वर्षों से कार्यरत दैनिक सफ ाई मजदूरों का नियमितीकरण, समान काम समान वेतन अथवा 18000 से लेकर 21000 रूपए तक महावारी वेतन, आउटसोर्स में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं शोषण पर रोक की मांग पर सरकार की ओर से आए पदाधिकारियों का कहना था कि ऐसे मामलों पर वित्त विभाग अथवा कैबिनेट ही निर्णय ले सकती है।
ऐसी स्थिति में बिहार के नगर निकायों में चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगा। श्री सिंह ने कहा है कि किस परिस्थिति में उच्चतम न्यायालय ने हड़ताल खत्म करने का निर्णय सुनाया है इस पर भी विचार किया जाएगा। बिहार के नगर निकायों में जारी हड़ताल का मुख्य मुद्दा ग्रुप डी के पदों को पुनर्जीवित करना, नगर निकायों के स्तर पर ग्रुप सी का नियंत्रण एवं अनुकंपा पर नियुक्ति को शीघ्र प्रारंभ करना आदि है। इन प्रमुख मांगों पर जब तक सरकार फैसला नहीं करती है तब तक इस हड़ताल को किसी भी परिस्थिति में स्थगित नहीं किया जा सकता है।
श्वेता / पटना