74वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से सातवीं बार पीएम मोदी ने फहराया तिरंगा, राष्ट्र को किया संबोधित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज  74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से लगातार सातवीं बार राष्ट्र को संबोधित किया और तिरंगा फहराया. प्रधानमंत्री को सलामी देने वाले गॉर्ड ऑफ ऑनर दस्ते में थल सेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस से एक-एक अधिकारी और 24 जवान शामिल रहे. मेजर श्वेता पांडे राष्ट्रीय ध्वज फहराने में प्रधानमंत्री की सहायता की. पीएम मोदी ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी. उन्होंने ने कहा कि आजादी के पीछे लाखों बेटे-बेटियों का त्याग और बलिदान है. आजादी का पर्व नए संकल्पों के लिए ऊर्जा का अवसर है.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बिना नाम लिए चीन पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विस्तारवाद की सोच ने विस्तार के बहुत प्रयास किए. उन्होंने कहा कि विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, बात वही पर खत्म नहीं हुई. भीषण युद्धों और भयानकता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी. ऐसे मुश्किल वक्त में हमारी संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिश की गयी तो हमारे देश के सेना ने उन्ही की भाषा में जवाब दिया. उन्होंने कहा, “देश के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, दुनिया ने ये लद्दाख में देख लिया है.”

21वीं सदी के इस दशक में अब भारत को नई नीति और नई रीति के साथ ही आगे बढ़ना होगा. अब साधारण से काम नहीं चलेगा. प्रधानमंत्री ने कहाकि आज भारत ने असाधारण समय में असंभव को संभव किया है. इसी इच्छाशक्ति के साथ प्रत्येक भारतीय को आगे बढ़ना है. हमारे पड़ोसी चाहे ज़मीन से जुड़े हों या समंदर से. हम उन सभी पड़ोसी देशों को जोड़ रहे हैं. हम अपने पड़ोसी देशों के साथ आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को और गहरा कर रहे हैं. बीते कुछ समय में भारत ने अपने संबंधों को और मज़बूत किया है. पश्चिम एशिया से हमारे संबंध और गहरे हुए हैं.

हमें मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक फोर वर्ल्ड के मंत्र के साथ आगे बढ़ना होगा. आधुनिकता की तरफ़, तेज़ गति से ले जाने के लिए, देश के कुल मिलाकर इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट को एक नई दिशा देने की जरूरत है. किसी समाज, किसी भी राष्ट्र की आज़ादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है, और उसके वैभव का, उन्नति प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है. हमारे देश का सामान्य नागरिक, चाहे शहर में रह रहा हो या गांव में, उसकी मेहनत, उसके परिश्रम का कोई मुकाबला नहीं है. वोकल फॉर लोकल, रि- स्किल और अप-स्किल का अभियान, गरीबी की रेखा के नीचे रहने वालों के जीवनस्तर में आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का संचार करेगा. आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान, आत्म-निर्भर भारत की प्राथमिकता है .

प्रधानमंत्री ने कहा कि  LOC से लेकर LAC तक, देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आँख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने उसका उसी भाषा में जवाब दिया है. आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं हैं जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं. जहां रिश्तों में समरसता होती है, मेल जोल रहता है.

आज देश में रोड और इंटरनेट कनेक्टिविटी का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है. भारत के जितने प्रयास शांति और सौहार्द के लिए हैं, उतनी ही प्रतिबद्धता अपनी सुरक्षा के लिए, अपनी सेना को मजबूत करने की है. भारत अब रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भी पूरी क्षमता से जुट गया है. पीएम ने कहा कि हमारी पॉलिसीस , हमारे प्रोसेस, हमारे प्रोडक्ट्स, सब कुछ बेहतर होना चाहिए, सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए. तभी हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर पाएंगे.

पीएम मोदी ने कहा कुछ महीने पहले तक N-95 मास्क, PPE किट, वेंटिलेटर ये सब हम विदेशों से मंगाते थे. आज इन सभी में भारत, न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है, बल्कि दुसरे देशों को भेज भी रहा है. आज भारत में कोराना की एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन वैक्सीन्स इस समय टेस्टिंग के चरण में हैं. जैसे ही वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिलेगी, देश की तैयारी उन वैक्सीन्स की बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन की भी तैयारी है.

पीएम मोदी ने कहा- आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में, आधुनिक भारत के निर्माण में, नए भारत के निर्माण में, समृद्ध और खुशहाल भारत के निर्माण में, देश की शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व है. इसी सोच के साथ देश को एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है.

 

 

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