मन की बातः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 68वीं बार देश को किया संबोधित,की अपील “लोकल खिलौनों के लिए वोकल है बनना”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 68वीं बार रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किये. पीएम मोदी हर महीने के अंतिम रविवार को राष्ट्र को संबोधित करते हैं. उनका यह कार्यक्रम आकाशवाणी और दूरदर्शन के सभी नेटवर्क पर प्रसारित किया गया. मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में नागरिकों में अपने दायित्वों का अहसास है. हर तरह के उत्सवों में लोग संयम बरत रहे हैं. देश में हो रहे हर आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है. पिछली बार के मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था कि मैं आप से आग्रह करूंगा जब भी आपको मास्क के कारण परेशानी महसूस होती हो, मन करता हो उतार देना है तो पल-भर के लिए उन डॉक्टरों का का स्मरण कीजिये, उन नर्सों का स्मरण कीजिये, हमारे उन कोरोना वारियर्स का स्मरण कीजिये. आप देखिये वो मास्क पहनकर के घंटो तक लगातार, हम सबके जीवन को, बचाने के लिए जुटे रहते हैं.

पीएम मोदी ने कहा आज जब हम देश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहे हैं, तो हमें पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना है. हर क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना है. मैं देश के युवा टैलेंट से कहता हूं. आप, भारत में भी गेम्स बनाइये. भारत के भी गेम्स बनाइये. कहा भी जाता है- Let the games begin ! तो चलो, खेल शुरू करते हैं !

खिलौना वो हो जिसकी मौजूदगी में बचपन खिले भी, खिलखिलाए भी. हम ऐसे खिलौने बनाएं, जो पर्यावरण के भी अनुकूल हों. खिलौनों के  केन्द्र बहुत व्यापक है. गृह उद्योग हो, छोटे और लघु उद्योग हो, MSMEs हों, इसके साथ-साथ बड़े उद्योग और निजी उद्यमी भी इसके दायरे में आते हैं. इसे आगे बढ़ाने के लिए देश को मिलकर मेहनत करनी होगी. भारत के कुछ क्षेत्र खिलौनों के केन्द्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं. जैसे, कर्नाटक के रामनगरम में चन्नापटना, आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा में कोंडापल्ली, तमिलनाडु में तंजौर, असम में धुबरी, उत्तर प्रदेश का वाराणसी – कई ऐसे स्थान हैं.

पूरे देश में सितम्बर महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा. गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल के Statue of Unity जाने  का अवसर मिलेगा, तो, वहां एक unique प्रकार का पोषण पार्क बनाया गया है. पोषण का मतलब केवल इतना ही नहीं होता कि आप क्या खा रहे हैं, कितना खा रहे हैं, कितनी बार खा रहे हैं. इसका मतलब है आपके शरीर को कितने जरुरी पोषक तत्व मिल रहे हैं.

किसानों की शक्ति से ही तो हमारा जीवन, हमारा समाज चलता है. हमारे पर्व किसानों के परिश्रम से ही रंग-बिरंगे बनते हैं. अन्नानां पतये नमः, क्षेत्राणाम पतये नमः. अर्थात, अन्नदाता को नमन है, किसान को नमन है. हमारे देश में इस बार खरीफ की फसल की बुआई पिछले साल के मुकाबले 7 प्रतिशत ज्यादा हुई है. मैं, इसके लिए देश के किसानों को बधाई देता हूँ, उनके परिश्रम को नमन करता हूं.

पीएम मोदी ने कहा कि आम तौर पर ये समय उत्सव का है. ओणम की धूम तो, आज, दूर-सुदूर विदेशों तक पहुंची हुई है. गणेशोत्सव भी कहीं ऑनलाइन मनाया जा रहा है, तो, ज्यादातर जगहों पर इस बार इकोफ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की गई है. देश में हो रहे हर आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है. कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग और उत्साह तो है ही, मन को छू लेने वाला अनुशासन भी है.

अपनी बात लोगों से साझा करते हुये कहा कि केंद्र सरकार ने अनलॉक-4 की गाइडलाइंस में 7 सितंबर से मेट्रो सेवा बहाल करने की मंजूरी दी है. 21 सितंबर से धार्मिक आयोजन में 100 लोगों के शामिल होने की भी इजाजत दी गई है. ऐसे आयोजनों में अनिवार्य रूप से फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर और कोरोना प्रोटोकॉल्स के नियमों का पालन करना होगा.

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