इशान किशन को मुंबई इंडियंस की टीम ने 6 करोड़ और 20 लाख रूपये में खरीदकर टीम में शामिल कर लिया है। इशान किशन एक बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाज हैं। आईपीएल में गुजरात लायन्स की टीम में खेल चुके पटना के इशान किशन अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। 7 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहे इशान किशन की मां उन्हें डॉक्टर बनाना चाहती थी। वह चाहती थी कि बेटा खेल छोड़ पढ़ाई करे। वहीं, इशान दिनभर क्रिकेट खेलते रहते थे। वह सोते भी बैट साथ लेकर, जिससे मां को लगता था कि बेटे के सिर पर कोई भूत सवार है। इस भूत को हटाने के लिए उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया था। बैट-बॉल साथ लेकर सोते थे इशान…
बातचीत में इशान के पिता प्रणव पांडेय ने ऐसी ही कई बातें शेयर की। उन्होंने बताया, ”इशान के इसी जुनून के चलते उसे बचपन में स्कूल से निकाल दिया गया था।” “वह पढ़ते वक्त टीचर की नजर से छुपकर कॉपी पर मैथ की जगह क्रिकेट की पिच का फोटो बनाते और फील्डिंग सजाते थे।” उन्होंने कहा, ” बेटे की इस हरकत से मेरी पत्नी सुचित्रा परेशान रहती थी।”
पढ़ाई में जीरो, क्रिकेट में अव्वल थे इशान
माता-पिता इशान को डॉक्टर बनाना चाहते थे। उसका एडमिशन पटना के सबसे बड़े स्कूल डीपीएस में करवाया था, लेकिन इशान का पढ़ाई में दिल नहीं लगता था। पढ़ाई में कमजोर होने के चलते स्कूल ने इशान को बाहर कर दिया था। उनके पिता प्रणव कुमार पांडे बताते हैं कि वह हर वक्त सिर्फ क्रिकेट के बारे में सोचता था।
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मां नहीं चाहती थी खेले क्रिकेट
पिता ने बेटे में क्रिकेट के प्रति जुनून देखकर उसे क्रिकेटर बनाने का फैसला कर लिया था, लेकिन मां सुचित्रा सिंह नहीं चाहती थी कि क्रिकेटर बने।
– वह हनुमान जी की पूजा करती थीं ताकि बेटा खेल छोड़ पढ़ाई में मन लगाए।
– इशान पर इस पूजा का कोई असर नहीं हुआ। वह हर दिन नए उत्साह के साथ क्रिकेट खेलने ग्राउंड पर चले जाते।
– घर में भी इशान दिन-रात सिर्फ और सिर्फ क्रिकेट की बात करते थे।
बैट-बॉल लेकर सोते थे इशान
– इशान के पिता प्रणव पांडेय ने कहा कि वह बचपन से ही क्रिकेट का था। जब दो साल का था तब अपने साथ बैट बॉल लेकर सोता था।
– जब भी इशान शांत रहता तो हम समझ जाते थे कि वह क्रिकेट को लेकर कोई प्लानिंग कर रहा है।
बड़े भाई ने दिया साथ
– इशान के बड़े भाई राज किशन भी स्टेट लेवल पर क्रिकेट खेल चुके हैं। जब इशान को स्कूल से निकाला गया था तब राज ने उनका हौसला बढ़ाया था।
– उन्होंने इशान के टैलेंट को प्रमोट किया। राज किशन फिलहाल रायबरेली से एमबीबीएस कर रहे हैं।
7 साल की उम्र में थामा था बैट
– पटना के कंकड़बाग का रहने वाले इशान ने 7 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था।
– उसकी गिनती अच्छे विकेट कीपर बैट्समैन में होती है। बिहार में रणजी की व्यवस्था नहीं होने के कारण इशान ने झारखंड की ओर से खेलना शुरू किया।
– वह भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम के कैप्टन भी रह चुके हैं। इशान के पूर्व कोच संतोष के अनुसार वह मौजूदा समय में देश के सबसे फुर्तीले विकेट कीपर्स में से एक हैं।
– इशान का टैलेंट कोच और टीम के पूर्व कप्तान के गाइडेंस में निखरा और उन्हें अंडर-19 टीम की कप्तानी का मौका मिला था।
2014 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में किया डेब्यू
– इशान से सबसे पहले स्टील अथॉरिटी ऑफ (सेल) की ओर से खेलना शुरू किया और फिर दिसंबर 2014 को फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया।
– उन्होंने अपने पहले रणजी मैच में झारखंड की ओर से खेलते हुए असम के खिलाफ 60 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी और 2015 में आखिरी रणजी मैच जम्मू के खिलाफ खेलते हुए 109 रन बनाए थे।
अपनी कप्तानी में टीम को पहुंचाया था फाइनल में
इशान ने पिछले फरवरी में अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल तक टीम इंडिया को पहुंचाया था। हालांकि फाइनल में टीम को वेस्ट इंडीज के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था। इशान झारखंड क्रिकेट के स्टार प्लेयर हैं। रणजी में दिल्ली के खिलाफ 14 छक्के और एक इनिंग में सबसे अधिक छक्के लगाने का रिकॉर्ड भी इशान के नाम है।
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