भारत में बेहद तेज मोबाइल इंटरनेट युग की शुरुआत भी हो चुकी है। हाई-स्पीड इंटरनेट के बलबूते अब भारत तकनीक की दुनिया में भी तेजी से आगे बढ़ेगा। पीएम मोदी भी इसके संबंध में यह बात कह चुके हैं कि ”इस तकनीक को सिर्फ वॉयस कॉल या वीडियो देखने तक सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि इससे नई क्रांति होनी चाहिए। अब इसी क्रम में 5जी नेटवर्क की विकसित करने की कोशिशें देश में तेज हो गई है और इस कार्य को सरकार एवं देश की टेलीकम्यूनिकेशन कंपनियां पूर्ण करेंगी।
उल्लेखनीय है कि आज के समय में आम आदमी को भी अपने अधिकांश काम बस एक क्लिक में पूरा करने की जरूरत महसूस हो रही है। ऐसे में इंटरनेट की दुनिया में कदम रख चुका हर इंसान 5जी जैसी सेवा का लाभ ले सकता है। आइए अब जानते हैं कि क्या है 5जी सर्विस और भारत में कब हुई इसकी शुरुआत…
क्या है 5जी सेवा ?
5जी सेवा ग्राहकों को 4जी की तुलना में 10 गुना तेज इंटरनेट सेवा प्रदान करने में सक्षम है। सेवा प्रदाताओं ने अगले वर्ष तक यानि 2023 तक देश के हर इलाके में 5जी सेवा उपलब्ध कराने का वादा किया है। एयरटेल, जियो और वोडाफोन-आइडिया 5जी सेवा की कीमतों के बारे में जल्द ही खुलासा करेंगे।
अनगिनत अवसर होंगे उत्पन्न
5जी सेवा दूरसंचार उद्योग की ओर से 130 करोड़ देशवासियों को एक उपहार है और इससे अनगिनत अवसर उत्पन्न होंगे। 2जी, 3जी और 4जी के दौर में भारत तकनीक के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहता था लेकिन, 5जी सेवा शुरू कर देश ने इतिहास रच दिया। 5जी के साथ भारत पहली बार, दूरसंचार तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक मानदंड स्थापित कर रहा है।
अक्टूबर में शुरू की गई 5जी सेवा
भारत में इस सेवा की शुरुआत 1 अक्टूबर 2022 में की गई है। सरकार तेजी से इसके विस्तार को लेकर भी काम कर रही है ताकि देश भर में लोग इस सेवा का लाभ उठा सके। इसके लिए साल 2023 का टारगेट सेट किया गया है यानि 2023 तक पूरे देश में 5जी सेवा का विस्तार कर दिया जाएगा। देश के तमाम शहरों और कस्बों में और बढ़ाया जाएगा। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आगामी दो से तीन वर्षों में 5जी देश के हर हिस्से में पहुंच जाएगी। इसी के साथ सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि यह आम ग्राहकों के लिए किफायती रहे। इसे लेकर भी खास ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
एयरटेल ने देश के 8 शहरों में शुरू की 5जी प्लस सर्विस
निजी क्षेत्र की दूरसंचार प्रदाता कंपनी एयरटेल अक्टूबर माह में देश के आठ शहरों में 5जी प्लस सर्विस को लॉन्च कर चुकी है। इन आठ शहरों में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, सिलीगुड़ी, नागपुर और वाराणसी शामिल हैं।
किन्हें मिल रही 5जी सर्विस ?
एयरटेल 5जी प्लस से हाई-डेफिनिशन वीडियो स्ट्रीमिंग, गेमिंग, मल्टीपल चैटिंग, फोटोज को तुरंत अपलोड करने जैसे काम सुपरफास्ट स्पीड से होगा। फिलहाल, एयरटेल उपभोक्ताओं को मौजूदा 4जी सिम पर ही 5जी की सर्विसेज मिलेंगी। इसके लिए उपभोक्ता का मोबाइल 5जी होना चाहिए। 5जी स्मार्टफोन रखने वाले ग्राहकों को मौजूदा डेटा प्लान पर ही हाई-स्पीड एयरटेल 5जी प्लस की सर्विसेज मिलेंगी। मौजूदा 4जी सिम में 5जी इनेबल होने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा। अगर आप दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, सिलीगुड़ी, नागपुर और वाराणसी शहरों में रहते हैं तो एयरटेल की 5जी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि 5जी की लॉन्चिंग पर भारती एयरटेल लिमिटेड के चेयरमैन सुनील मित्तल ने दिल्ली, मुंबई और वाराणसी समेत देश के आठ शहरों में 5जी सर्विस देने का ऐलान किया था।
2047 तक एक विकसित राष्ट्र के विजन को करेगा प्रेरित
भारत के 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के विजन को पूरा करने में 5जी सर्विस बड़ी मदद करेगी। यह सरकार के प्रत्येक कार्य और नीति को ध्यान में रखकर शुरू की गई है। भारत के 5जी युग में तेजी से आगे बढ़ने के लिए उठाए गए कदम पीएम मोदी के दृढ़ संकल्प का सशक्त प्रमाण प्रस्तुत करते हैं। शिक्षा, शिक्षा और जलवायु आदि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भी 5जी की कई संभावनाएं हैं। 5जी आने वाले समय में भारत की प्रतिष्ठा, प्रोफाइल और शक्ति को वैश्विक स्तर पर इतना बढ़ाएगी, जितना पहले कभी नहीं बढ़ी। आज की तेजी से बदलती दुनिया में एक पुनरुत्थान शील भारत को शीर्ष पर लाने के लिए 5जी जैसी सर्विस की ही जरूरत थी। भारत पर 5जी का कुल मिलाकर आर्थिक प्रभाव 2035 तक 450 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
5जी को विस्तार देने के लिए सरकार के अहम कदम
-5जी न केवल भारत अपितु विश्व के लिए महत्वपूर्ण क्षण बनने वाला है। अब भारत में सामान का स्वदेशी डिजाइन, विकास और विनिर्माण हो रहा है जो विश्व को अपना स्तर और गति प्रदर्शित कर रहा है। इससे हम 5जी को भारत के कोने-कोने तक ले जा सकेंगे। सरकार ने देशभर में 5जी प्रौद्योगिकी के लिए सौ प्रयोगशालाएं स्थापित करने की योजना भी बनाई है। इनमें से कम से कम 12 प्रयोगशालाओं में विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रयोग किए जाएंगे।
– 5जी सेवाओं के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए सरकार ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना, PLI, के तहत 31 कंपनियों का चयन किया। 5जी उत्पादों, अनुप्रयोगों और प्रदर्शन की सुविधा के लिए दो सौ 24 करोड़ रुपए की लागत से एक स्वदेशी 5जी परीक्षण सुविधा स्थापित की गई।
– सी-डॉट ने एक स्वदेशी 5जी नॉन-स्टैंड अलोन (एनएसए) कोर विकसित किया। सी-डॉट स्थानीय उद्योग और स्टार्टअप के सहयोग से 5जी रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आरएएन) भी विकसित कर रहा है। सी-डॉट ने टीसीएस और तेजस नेटवर्क के सहयोग से अपने 4जी कोर का पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है।